Chandigarh Mayor Election 2024: 'अगर मेयर चुनाव रद कर दिया जाए तो...', हाई कोर्ट ने आप-कांग्रेस की याचिका पर कह दी ये बड़ी बात
Chandigarh Mayor Election 2024 चंडीगढ़ मेयर के चुनाव को लेकर विवाद के बीच पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई की। इस बीच जस्टिस सुधीर सिंह व जस्टिस हर्ष बंगर की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन डिप्टी कमिश्नर कमिश्नर ज्वाइंट कमिश्नर डीजीपी पीठासीन अधिकारी मेयर और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का भी जिक्र किया
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Chandigarh Mayor Election 2024) चंडीगढ़ मेयर के चुनाव को लेकर विवाद के बीच, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उनके द्वारा कराए गए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बंगर की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन, डिप्टी कमिश्नर, कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, डीजीपी, पीठासीन अधिकारी, मेयर और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
अगर मेयर चुनाव रद कर दिया जाए तो...
जस्टिस सुधीर सिंह ने मौखिक रूप से यह टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में सोनकर के मेयर चुनने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखना होगा। सवाल यह होगा कि मेयर (मेयर चुनाव की वैधता) का क्या होगा, अगर वह बने रहते हैं तो सवाल उठता है कि क्या उन्होंने (सीनियर और डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ने वाले पार्षदों ने) वॉकआउट करके अपने अधिकारों को उल्लंघन किया है।
जस्टिस सिंह ने मौखिक रूप से कहा अगर मेयर चुनाव रद कर दिया जाता है तो याचिकाकर्ता व अन्यों के वोट देने के अधिकार को खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता।
30 जनवरी को हुआ था चुनाव
आप कांग्रेस गठबंधन के दोनो उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह और निर्मला देवी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव 30 जनवरी को तय किया गया था। याचिका में आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने मेयर चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के बाद मत पत्रों से छेड़छाड़ कर आप और कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट अवैध करार दे दिए। ऐसा करके गठबंधन के मेयर पद के लिए उम्मीदवार कुलदीप कुमार को हारा हुए घोषित कर दिया गया।गठबंधन ने उसी दौरान किया था चुनाव का विरोध
उसी वक्त गठबंधन ने इसका विरोध किया था, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई, जिसके कारण उन्होंने सदन से वाक आउट कर दिया था। सदन से उनके वाक आउट के बाद भाजपा के मेयर ने उनकी गैर मौजूदगी में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करवा लिया। ऐसे में याचिकाकर्ता गठबंधन की गैर मौजूदगी में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर भी भाजपा के प्रत्याशियों को विजयी घोषित किया गया जो पूरी तरह से गलत और अलोकतांत्रिक था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।