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Punjab News: हाई सिक्योरिटी जेल में बंद लारेंस ने फोन कर एमईएस ठेकेदार से मांगी रंगदारी, पंजाब हाई कोर्ट हुआ सख्त; दिए जांच के आदेश

सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) ठेकेदार को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई सहित जेलों में बंद गैंगस्टरों से धमकी भरे फोन आ रहे थे और रंगदारी मांग रहे हैं जिसे देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस से अदालत में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसमें पुलिस को बताना होगा कि क्या फोन काल के समय बिश्नोई हिरासत में था।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sat, 11 Nov 2023 05:30 AM (IST)
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हाई कोर्ट ने कहा- जेल में कैसे पहुंच रहे फोन बताए पंजाब पुलिस

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) ठेकेदार को गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई सहित जेलों में बंद गैंगस्टरों से धमकी भरे फोन आ रहे थे और रंगदारी मांग रहे हैं, जिसे देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस से अदालत में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

इसमें पुलिस को बताना होगा कि क्या फोन काल के समय बिश्नोई हिरासत में था। हाई कोर्ट ने एडीजीपी (जेल) पंजाब से भी जांच करने और जेल के अंदर किसी कैदी के पास मोबाइल फोन पाए जाने पर जिम्मेदारी तय करने को कहा है।

हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष व एमईएस ठेकेदार सुखबीर सिंह बराड़ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। गैंगस्टरों से खतरा होने के बावजूद पुलिस द्वारा उनकी सुरक्षा में कटौती किए जाने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

याचिकाकर्ता के अनुसार, 18 अक्टूबर, 2022 को उन्हें दीपक टीनू नाम के एक व्यक्ति का फोन आया था, जिसने आगे गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के साथ कान्फ्रेंस काल की थी। बिश्नोई ने उसे दीपक टीनू द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने के लिए कहा गया था।

धमकी दी थी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसे व उसके परिवार के सदस्यों को खत्म कर दिया जाएगा। याचिकाकर्ता द्वारा पुलिस अधिकारियों के पास भी शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद एफआइआर दर्ज की गई और उसे दो गार्ड उपलब्ध कराए गए। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस भारद्वाज ने देखा कि एसएसपी फिरोजपुर ने रिपोर्ट दी है कि याचिकाकर्ता को दीपक टीनू और लारेंस बिश्नोई का फोन आया था।

इस पर पंजाब सरकार के वकील ने निष्पक्ष रूप से स्वीकार किया उस समय लारेंस बिश्नोई पुलिस हिरासत में था और संबंधित समय पर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाई सिक्योरिटी जेल में बंद होने के बावजूद, उक्त गैंगस्टर की मोबाइल फोन तक पहुंच थी, ताकि फिरौती के लिए बातचीत की जा सके। यह गंभीर चिंता का विषय है, इसलिए मामले को एडीजीपी (जेल) पंजाब के ध्यान में लाया जाए, ताकि जांच की जा सके और जिम्मेदारी तय की जा सके। 

कोर्ट ने एक कैदी के पास मोबाइल व फोन नंबर तक पहुंच होने की घटना के बारे में जिम्मेदारी तय करने का भी आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आठ सप्ताह की अवधि के भीतर इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की सुरक्षा के संबंध में हाई कोर्ट ने कोई आदेश पारित नहीं किया है और राज्य पुलिस द्वारा दायर जवाब पर भरोसा किया है कि उसे कोई नया खतरा नहीं है। उसे पहले ही एक गार्ड प्रदान किया जा चुका है।