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चंडीगढ़ में पहली बार होगी ऐसी प्रदर्शनी, टैगोर थिएटर में सिख इतिहास को दिखाएगी सिख लेंस फाउंडेशन

चंडीगढ़ में ऐसा पहली बार होने जा रहा कि एक ही छत के नीचे लोगों को सिख इतिहास के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। टैगोर थिएटर सेक्टर 18 में रविवार को सिख लेंस फाउंडेश द्वारा एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

By Ankesh KumarEdited By: Updated: Sat, 20 Feb 2021 04:34 PM (IST)
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बादाम पर सिख इतिहास की कलाकारी करने वाले अमन सिंह गुलाटी (जागरण)।

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। सिख समुदाय का इतिहास बहादुरी और शौर्य से भरपूर है। उसी को एक छत के नीचे दिखाने के लिए सिख लेंस फाउंडेशन आयोजित कर रही है सिख आर्ट्स एंड फिल्म फेस्टिवल-2021। फेस्टिवल टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में रविवार 21 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। इसमें 24 टेलीफिल्मों को दिखाने के साथ-साथ सिख इतिहास को पेश करते हुए पेटिंग और कलाकृतियां डिस्प्ले की जाएंगी।

जानकारी देते हुए सिख लेंस फाउंडेशन के इंडिया हेड ओजस्वी शर्मा ने बताया कि हमारा प्रयास आम लोगों को सिख इतिहास के साथ जोड़ना है। जिसमें शहर के काइट मेकर डॉ. देवेंद्र पाल, बादाम से कलाकारी करने वाले अमनदीप सिंह गुलाटी और विदेश से आकर भारत में आंखों का चेकअप कैंप लगाने वाले रछपाल सिंह की फिल्म को पहली बार दिखाया जाएगा। टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में थिएटर फेस्टिवल दोपहर 11 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा। जिसमें गुरु नानक देव और विभिन्न गुरुओं के इतिहास को दिखाया जाएगा।

    

आर्टिस्ट अमन सिंह द्वारा बादाम पर की गई कलाकारी।

सबसे छोटी और बड़ी पतंग बनाने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है डॉ. देवेंद्र

डॉ. देवेंद्र शर्मा सबसे छोटी और सबसे बड़ी पतंग बनाने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में खुद का नाम दर्ज करवा चुके हैं। डॉ.देवेंद्र नगर निगम और प्रशासन द्वारा आयोजित होने वाले रोज फेस्टिवल में खुद की हजारों पतंगों को डिस्प्ले करते हैं और उन्हें उड़ाने का मौका भी पर्यटकों को देते हैं।

बादाम से की कलाकारी

उत्तर प्रदेश लखीमपुर खेरी के अमन सिंह गुलाटी पहले सिख आर्टिस्ट हैं जो कि पेटिंग बादाम और माचिस की तिलियों पर करते हैं। टैगाेर थिएटर सेक्टर-18 में लगने वाली एग्जीबिशन बादाम और माचिस की तिलियों पर किए गए काम के सौ से ज्यादा पीस डिस्पले करेगा।

आंखों का चेकअप कैंप लगाते हैं रछपाल सिंह

रछपाल सिंह पहले पंजाबी एनआरआइ हैं जो कि विदेश से आकर भारत में हर साल पांच सौ से ज्यादा कैंप लगाते हैं और लोगों की आंखों का फ्री में इलाज करते हैं। बीते 20 सालों में रछपाल 50 लाख से ज्यादा लोगों का फ्री में इलाज करवा चुके हैं।