Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

कौन हैं पुलकित शर्मा, सोशल मीडिया पर व्हीलचेयर डांसर के रूप में हैं फेमस; वीडियो के जरिए सिखाते हैं हर सिचुएशन से लड़ना

पुलकित शर्मा इन दिनों सोशल मीडिया पर व्हीलचेयर डांसर के रूप में फेमस हैं। वह लोगों को सिखाते हैं कि हर परिस्थिति में कैसे खुश रहा जाता है। भांगड़ा से लेकर हर ट्रेंडिंग सॉन्ग पर उनके डांस के वीडियो धूम मचा देते हैं। सोशल मीडिया पर जहां लोग उनके कंटेंट को पसंद करते हैं तो वहीं अपनी डिसेबिलिटी के कारण उन्हें ट्रोलिंग से भी जूझना पड़ता है।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 03 Sep 2024 07:39 PM (IST)
Hero Image
Pulkit Sharma: पुलकित शर्मा व्हीलचेयर डांसर के रूप में फेमस हैं

 डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। "यार ये सुपारी खाता है, पान रखा हुआ है तुतलाता है... न सिर्फ शारीरिक अक्षमताओं पर बल्कि मेरे बोलने तक का भी लोगों ने मजाक उड़ाया। मैंने ये जाना कि आज के समय में लोग इंसानी भावनाओं की कदर करना भूल गए हैं। मजाक के नाम पर ये तक भूल गए कि वो असल में कर क्या रहे हैं। लेकिन मुझे फिर भी कोई शिकायत नहीं, कम से कम मैं दो पल ही सही किसी के हंसी की वजह तो बन रहा हूं। उन्हें इस बात का अनुभव नहीं कि 35 सालों से व्हीलचेयर पर रहना कैसा होता है।"

पुलकित लगातार बोले जा रहे थे। लेकिन उस दौरान उनके चेहरे की मुस्कान और हावभाव बिल्कुल सहज थे। पुलकित का पैतृक गांव हिमाचल के ऊना जिले में है। लेकिन वे दिल्ली में ही पले-बढ़े। बचपन से पुलकित सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर की समस्या से जूझ रहे हैं। जिससे उन्हें हिलने-डुलने में परेशानी होती है। मगर इसे जज्बा कहें या एक वरदान कि पुलकित इन दिनों सोशल मीडिया पर व्हीलचेयर डांसर के रूप में फेमस हैं। भांगड़ा से लेकर हर ट्रेंडिंग सॉन्ग पर उनके डांस के वीडियो धूम मचा देते हैं।

यही कारण है कि पुलकित आज लाखों के लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कोशिश रहती है कि वह लोगों को यह मैसेज दे सके कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो व्यक्ति को खुश रहना चाहिए। लेकिन कहते हैं न कि अच्छा है तो बुरा भी है। इसी तरह जहां पुलकित के कंटेंट को काफी लोग पसंद करते हैं। उसी तरह उन्हें अपने कंटेंट को लेकर ट्रोलिंग का शिकार भी होना पड़ता है।

अगर ठान लें तो कोई भी बाधा नहीं बन सकता: पुलकित

35 वर्षीय पुलकित शर्मा कहते हैं कि मैंने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा फिर लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों रखते हैं मुझे नहीं पता। अपनी वीडियो के माध्यम से मैं लोगों को दिखाना चाहता हूं कि यदि ठान लें तो आपके जज्बे और जुनून के आगे आपकी डिसेबिलिटी को भी झुकना पड़ता है।

मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित फिल्म चंदू चैंपियन का उदाहरण देते हुए शर्मा कहते हैं कि अगर ख्वाब को पाने की ललक है तो आप उसे हर हाल में पाकर ही मानते हैं।

ट्रोलर्स और नेगेटिव कमेंट से कैसे डील करते हैं के सवाल पर पुलकित कहते हैं कि सोशल मीडिया पर लोग मेरी कला को सिम्पेथी के साथ जोड़कर देखते हैं। लोग कहते हैं कि मैं सहानुभूति पाने के लिए ऐसा कर रहा हूं, विक्टिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा हूं और न जाने क्या-क्या कहकर मुझे ट्रोल किया जाता है। लेकिन मुझे उनसे शिकायत नहीं।

लोग केकड़ा प्रवृत्ति का शिकार हैं: पुलकित

पुलकित कहते हैं कि इंसान केकड़ा प्रवृत्ति का शिकार है, इस आदत में किसी भी अपने से आगे निकल रहे व्यक्ति को पीछे खींचा जाता है। लेकिन मेरे लिए इससे अलग खुशी की बात यह है कि कई लोग मेरी कला को सराहते हैं और मैंने कई लोगों के निराश भरे जीवन में रंग भरने का काम किया है। इन परिस्थितियों में भी यदि मैं किसी भी व्यक्ति को थोड़ा भी मोटिवेट कर पा रहा हूं तो इससे अच्छा मेरे लिए क्या होगा।

पुलकित ने बताया कि डांस के अलावा उन्हें पॉडकास्ट करना भी पसंद है। वह यू-ट्यूब (My Topic Less Topic) पर भी काम कर रहे हैं। जिसमें वह लोगों से बात करते हैं। उनके इस काम को लोगों ने एप्रीसिएट भी किया है।

पुलकित कहते हैं, मुझे खुशी इस बात की है कि मैं खुद से सीखने पर यकीन करता हूं। खुद डांस सीखने की कोशिश करता हूं। हाल ही में मेरी एक वीडियो काफी वायरल हुई। जिसमें मेरी भतीजी भी साथ थीं।

हालांकि, इस वीडियो पर भी मुझे ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। लेकिन बहुत से लोगों ने उस वीडियो को एप्रीसिएट भी किया। पुलकित बताते हैं कि मेरे कॉमेंट बॉक्स और डीएम में जो पॉजिटिव मैसेज आते हैं। वो मेरी एनर्जी हैं और जो लोग मुझे क्रिटिसाइज करते हैं, मैं उन्हें उन्हीं के तरीके से रिप्लाई करता हूं। लेकिन उस दौरान भी मैं इस बात का जरूर ख्याल रखता हूं कि किसी को मेरे शब्द हर्ट न करें।

ट्रोलर्स के लिए कोई मैसेज?

पुलकित कहते हैं, लोग न केवल मेरी कला को बल्कि मेरे डिसेबिलिटी तक का मजाक उड़ाते हैं। क्या कोई डिसेबल पर्सन एंजॉय नहीं कर सकता। क्या उसे कोई हक नहीं कि वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। बचपन से ही मैंने न जाने कितने ऑपरेशन और तकलीफों को झेला है। यह सोचना भी खुद में डरावना होता है।

इसके बावजूद भी मैं बतौर कंटेंट क्रिएटर लोगों को हंसाने की कोशिश कर रहा हूं, मेरे जैसे न जाने कितने लोग हैं। जिनके लिए मैं मोटिवेशन हूं। फिर आज क्यों आप उस आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं?