Punjab News: गुरदासपुर में अवारा कुत्तों का आतंक, जिला प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान; औरतें और बच्चे बन रहे शिकार
पंजाब के गुरदासपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में खुंखार अवारा कुत्तों का बढ़ता जा रहा आतंक। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाए गए। जिले में रोजाना 20 से 25 लोगों को अवारा कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले तीन महीने में कुत्तों के काटने से सामने आए मरीजों की संख्या जानने के लिए पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट।
By Sunil KumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 03 Sep 2023 06:36 PM (IST)
गुरदासपुर, रवि कुमार। Gurdaspur Dogs Bite Report गुरदासपुर में खुंखार अवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। इसको रोकने के लिए जिला प्रशासन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं इस तरफ नहीं दिया जा रहा है। जिले में रोजाना 20 से 25 लोग अवारा कुत्तों (20 To 25 Dogs Bitting Cases Daily) का शिकार बन रहे हैं। आए दिन कुत्तों के शिकार लोग सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे है। पिछले तीन महीने में कुत्तों के काटने के 2008 (2008 Dog Bitting Cases in 3 Months) मरीज सामने आ चुके हैं।
नगर काउंसिल और ग्राम पंचायत नहीं कर पा रही समाधान
शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में अवारा कुत्तों का आतंक ज्यादा देखा जा रहा है। वहीं नगर काउंसिल से लेकर ग्राम पंचायतें तक इस समस्या के समाधान में नाकाम साबित हो रही हैं। गुरदासपुर नगर काउंसिल की ओर से शुरु किया गया कुत्तों का नसबंदी का अभियान पिछले चार साल से बंद पड़ा है।
एक दिन में औसतन इतने लोग हो रहे शिकार
आवारा कुत्तों के काटने से 20 लोग औसतन एक दिन में शिकार बनते हैं। तो वही शहरों में रोजाना सात से आठ लोगों को कुत्ते काटते हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में 12 लोग को कुत्तों का शिकार बनते हैं। जिला गुरदासपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कुत्तों के हमले का शिकार होने वालों में बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा 75 फीसदी शिकार बनाते है। वहीं नगर काउंसिल अवारा कुत्तों की नसबंदी करवाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही। जिसके चलते शहरी और ग्रामीण इलाकों में अवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।3 महीने में अवारा कुत्तों के काटने के मामले
- जून-540
- जुलाई-716
- अगस्त-752
तीन महीने में कुल मामले आए सामने
- शहरी क्षेत्र में-932
- ग्रामीण क्षेत्र में-1076
इंजेक्शन की कितनी है कीमत?
सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज़ के इंजेक्शन की कीमत मुफ्त है, तो वहीं निजी अस्पताल में 600 रुपए में लगवाया जा सकता है। हर साल 8 हजार एंटी रेबिज इंजेक्शनों की जरुरत पड़ती है और 120 इंजेक्शन डिमांड पर हर बार भेजे जाते है।
इंजेक्शन लगवाने का क्या है समय?
एक मरीज को पांच एंटी रेबिज इंजेक्शन लगते है। जिसमें पहला इंजेक्शन 24 घंटे में लगवाना जरुरी है। तीन दिन बाद दूसरा इंजेक्शन, सात दिन बाद तीसरा इंजेक्शन, 14 दिन बाद चौथा इंजेक्शन और 30 दिन बाद पांचवां इंजेक्शन लगता है। वहीं अगर पागल कुत्ता काटे तो 90 दिन बाद फिर से इंजेक्शन लगवाना पड़ता है।सिविल अस्पताल में कराएं मुफ्त इलाज
सिविल अस्पताल की एसएमओ डा. चेतना का कहना है कि अस्पताल में एंटी रेबिज के इंजेक्शन प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है। अगर किसी कोई अवारा कुत्ता काट लेता है तो उसका इलाज सरकारी अस्पताल से करवाना चाहिए। अस्पताल में एंटी रेबिज इंजेक्शन मुफ्त लगाया जाता है।
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- अवारा कुत्तों से एक सुरक्षित दूरी बनाएं रखें। अगर झुंड में कुत्ते हों तो कोशिश करें कि उस रास्ते पर मत जाए।
- कुत्ते के सोने, उठने, खाने और पिल्लो की देखभाल के दौरान उनके पास न जाए।
- कुत्ते को देखकर न तो भागे और न ही चिल्लाएं। स्थिर खड़े रहें।
- कुत्ते से नजर न मिलाएं, जिस जगह पर कुत्ते ने काटा है, उसे साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
- कुत्ते से नजर न मिलाने से वह आक्रमक नहीं होता।