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लुधियाना के उद्याेगपति नीरज सलूजा को पांच दिन का रिमांड, 1530 करोड़ की धोखाधड़ी में CBI ने किया था गिरफ्तार

Bank Fraud Case लुधियाना की एसईएल टेक्सटाइल्स लिमिटेड कंपनी के निदेशक नीरज सलूजा की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। शनिवार को मोहाली की सीबीआइ की विशेष अदालत ने सलूजा काे 5 दिन के रिमांड पर भेज दिया है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sat, 29 Oct 2022 07:40 PM (IST)
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Bank Fraud Case: लुधियाना की एसईएल टेक्सटाइल्स लिमिटेड कंपनी के निदेशक नीरज सलूजा। (फाइल फाेटाे)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Bank Fraud Case: सेंट्रल बैंक आफ इंडिया समेत 10 बैंकों से 1,530.99 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए लुधियाना की एसईएल टेक्सटाइल्स लिमिटेड कंपनी के निदेशक नीरज सलूजा को शनिवार को मोहाली की सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सलूजा को पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया। सरकारी पक्ष ने अदालत में कहा कि आरोपित ने बैंकों से जो पैसा लिया गया है, उसे विभिन्न प्रापर्टी में निवेश कर दिया गया। उससे इस बारे में पूछताछ की जानी है। कंपनी ने कई राज्यों में निवेश किया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया है।

सलूजा को शुक्रवार को सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार

यह दस्तावेज किस ने तैयार करवाए और इसमें कौन-कौन शामिल है। पैसा दूसरे राज्यों में कहां निवेश हुआ, इस की जानकारी एकत्रित की जानी है। ये दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपित को रिमांड पर भेज दिया। सलूजा को शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके कार्यालय से दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था। सलूजा व उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक ऋण को धोखाधड़ी से अन्य जगह इस्तेमाल किया और लोन नहीं चुकाया।

29 जुलाई को बैंक मैनेजर की शिकायत पर शुरू हुई थी जांच

सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के असिस्टेंट मैनेजर विनोद कुमावर मलिक की तरफ से इस संबंधी शिकायत 29 जुलाई 2020 को की गई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि सराभा नगर के रहने वाले नीरज सलूजा और उनके अन्य रिश्तेदारो एसईएलएल सेल्ल नाम से कंपनी बनाई थी। कंपनी की तरफ से काम चलाने के लिए 10 बैंकों से 1530 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था। 2009 से 2013 तक लिए इस कर्ज को कंपनी की तरफ से इस काम से निकालकर दूसरी जगहों पर इनवेस्ट कर दिया और लोन नहीं चुकाए।

शिकायतकर्ता के पास कुल 1,530 करोड़ रुपये का कर्ज है, इसमें से 371.44 करोड़ सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, 429.38 करोड़ रुपए इलाहाबाद बैंक, 176.08 करोड़ रुपये पंजाब नेशनल बैंक, 120.09 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक, 92.83 करोड़ रुपये बैंक आफ महाराष्ट्रा, 52.80 करोड़ रुपये पंजाब एवं सिंध बैंक, 115.44 करोड़ रुपये कार्पोरेशन बैंक, 46.56 करोड़ रुपये यूनियन बैंक, 101.91 करोड़ रुपये यूको बैंक, 24.46 करोड़ रुपये यूनाइटिड बैंक आफ इंडिया के हैं।