Rajasthan: बिजली निगम के कर्मचारी सरकारी वाहन से कर रहे थे तस्करी
पुलिस की नाकाबंदी तोड़ भागे तो खाई में जा गिरा वाहन एक कर्मचारी को पुलिस ने दबोचा दूसरा भाग निकला चित्तौड़गढ़ जिले में मादक पदार्थ की तस्करी में सरकारी कर्मचारी की लिप्तता सामने आने लगी है। यहां तक वह तस्करी में सरकारी वाहनों का उपयोग लेने लगे हैं।
उदयपुर, संवाद सूत्र। चित्तौड़गढ़ जिले में मादक पदार्थ की तस्करी में सरकारी कर्मचारी की लिप्तता सामने आने लगी है। यहां तक वह तस्करी में सरकारी वाहनों का उपयोग लेने लगे हैं। ऐसा उदाहरण चित्तौड़गढ़ जिले के पारसोली क्षेत्र में देखने को मिला, जब पुलिस ने अजमेर विद्युत वितरण निगम के एक कर्मचारी को डोडा-चूरा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर विभागीय बोलेरो जब्त की। इस मामले में विद्युत निगम के एक और कर्मचारी को नामजद किया है, जो पुलिस का पीछा करते समय खाई में गिरी उनकी बोलेरो से कूदकर भाग निकला।
मिली जानकारी के अनुसार पकड़ा गया आरोपी तथा फरार आरोपी, दोनों ही अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में भीलवाड़ा के केरपुरा ग्रिड फीडर में सेवारत हैं। पुलिस ने इस ग्रिड फीडर पर लंबे समय से नियुक्त तकनीकी सहायक हिंगोनिया-भीलवाड़ा निवासी सांवरिया पुत्र भैरूलाल जाट को गिरफ्तार किया है। जबकि बोलेरो से कूदकर भागा दूसरा आरोपी उसी ग्रिड फीडर पर लंबे समय से संविदा पर सेवा दे रहा भूपेंद्र सिंह पुत्र भगवत सिंह कानावत को भी नामजद किया है। भूपेंद्र और सांवारिया एक ही गांव हिंगोनिया के रहने वाले हैं। पुलिस ने विद्युत निगम की उस बोलेरो को जब्त कर लिया है, जिसमें भरकर वह डोडा-चूरा की तस्करी कर रहे थे।
इस तरह पकड़े गए
पारसोली थानाधिकारी संजय गुर्जर ने बताया कि आम दिनों की तरह जिले के नंदवाई-खेड़ी रोड पर नाकाबंदी की जा रही थी। पुलिस की नाकाबंदी देखकर आरोपी बोलेरो को भगा ले गए। पुलिस ने पीछा किया तो नंदवाई-खेड़ी के बीच बाेलेराे खाई में पलट गई। पुलिस विद्युत निगम के तकनीकी सहायक को गिरफ्तार करने में कामयाब रही जबकि दूसरा कर्मचारी भाग निकला। बोलेरो से पांच कट्टों में भरा 77 किलो डोडा-चूरा बरामद हुआ। मामले की जांच बेगूं थाना पुलिस को सौंपी गई है।