Rajasthan: धौलपुर में दो शावकों के साथ नजर आई बाघिन
Rajasthan रणथंभौर टाइगर सेंचुरी से सटे कैलादेवी व धौलपुर के जंगलों में टाइगर की आवाजाही जारी रहती है। रणथंभौर में बाघों की संख्या अधिक होने से यहां से कुछ बाघ और बाघिन घूमते हुए कैलादेवी व धोलपुर के जंगलों में चले जाते हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan: राजस्थान में धौलपुर जिले के सरमथुरा जंगलों में बाघिन बादली टी-117 दो शावकों के साथ नजर आई है। जिला वन अधिकारी केसी मीणा ने बताया कि सरमथुरा के झिरी में लगे सीसीटीवी कैमरों में बादली के दो शावकों के साथ नजर आने की बात सामने आई है। बादली बाघ टी-116 के साथ धौलपुर में पिछले एक साल से मेटिंग कर रही थी। दो शावकों के आने से धौलपुर को टाइगर रिजर्व कॉरिडोर बनाने के प्रयासों को बल मिल सकेगा। रणथंभौर टाइगर सेंचुरी से सटे कैलादेवी व धौलपुर के जंगलों में टाइगर की आवाजाही जारी रहती है। रणथंभौर में बाघों की संख्या अधिक होने से यहां से कुछ बाघ और बाघिन घूमते हुए कैलादेवी व धोलपुर के जंगलों में चले जाते हैं, लेकिन वे कुछ ही दिनों के लिए इन जंगलों में रहते हैं।
ऐसा पहली बार हुआ है कि बाघिन टी-117 और बाघ-116 लंबे समय तक यहां रहे व मेटिंग की। कैलादेवी के जंगलों में करबी एक साल पहले अपनी मां टी-92 से बिछड़े के बाद टी-117 धौलपुर के जंगलों में आई थी। इसके बाद से वह लगातार बाघ टी-116 के साथ नजर आ रही थी। मीणा ने बताया कि धौलपुर के जंगलों में बाघों की निगरानी के लिए 10 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने की खुशखबरी आई है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व के कैलादेवी रेंज के तहत नाका राहर इलाके में बाघिन टी-118 ने दो शावकों को जन्म दिया है। यह बाघिन 23 और 26 जनवरी को दो शावकों के साथ नजर आई। बाघिन और शावकों की फोटो कैमरे की ट्रैप में आई है। वन विभाग द्वारा वन्यजीवों पर निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों में ये फोटो नजर आई है। बाघिन टी-118 द्वारा दो शावकों को जन्म देने की सूचना वनकर्मियों ने दी है। मुख्य वन संरक्षक टीसी वर्मा ने बताया कि करीब साढ़े तीन साल में टी-118 द्वारा पहली बार दो शावकों को जन्म दिया गया है।