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Brahma Ji: इसलिए ब्रह्मा जी के रह गए केवल 4 सिर, महादेव के क्रोध का करना पड़ा था सामना

हिंदू धार्मिक ग्रंथों में ऐसी कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं जो व्यक्ति को कुछ-न-कुछ शिक्षा और प्रेरणा देने का काम भी करती हैं। आज हम आपको भगवान शिव और ब्रह्मा जी से जुड़ी ऐसी ही एक रोचक कथा बताने जा रहे हैं जिसमें यह बताया गया है कि ब्रह्मा जी को क्यों शिव जी के क्रोध का सामना करना पड़ा था।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 03 Sep 2024 02:34 PM (IST)
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Brahma Ji इसलिए ब्रह्मा जी के रह गए केवल 4 सिर।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने ब्रह्मा जी के चार मुख के बारे में ही सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि ब्रह्मा जी के पांच सिर हुआ करते थे। जिसे लेकर यह पौराणिक कथा मिलती है कि क्रोध के चलते ब्रह्मा जी का सिर काट दिया था। तो चलिए जानते हैं कि आखिर किस कारण भगवान शिव, ब्रह्मा जी से इतना क्रोधित हो गए, जिसकी उन्हें इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

मिलती है ये कथा

एक बार की बात है जब ब्रह्मा जी पूरे संसार की रचना कर रहे थे, तो उन्होंने एक बहुत ही सुंदर स्त्री की भी रचना की, जिसे सतरूपा नाम दिया गया। वह इतनी सुंदर थी की स्वयं ब्रह्मा जी भी उसपर मोहित हो गए और उससे नजरें नहीं हटा पाए। ब्रह्मा जी के इस प्रकार एकटक देखने सतरूपा विचलित होने लगी और उसने दूसरी ओर देखना शुरू कर दिया। लेकिन ब्रह्मा जी ने उसी ओर अपना एक सिर विकसित कर लिया।

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शिव जी को आया क्रोध

ये सारा दृश्य शिव जी भी देख रहे थे। चूंकि शिव जी के अनुसार, सतरूपा ब्रह्मा की पुत्री समान ही थी। इसलिए उन्हें ब्रह्मा जी का सतरूपा को इस दृष्टि से देखना घोर पाप लगा। यह देख शिव जी क्रोध से भर उठे और उन्होंने अपने एक गण भगवान भैरव को प्रकट किया।

शिव जी के आदेश पर भैरव ने ब्रह्मा जी का पांचवा सिर काट दिया। इसके बाद ब्रह्मा जी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने महादेव से क्षमा याचना की। कई मान्यताओं के अनुसार, यह भी एक कारण माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता अर्थात ब्रह्मा जी का पूरे भारत में केवल एक ही मंदिर है, जो राजस्थान के पुष्कर में स्थापित है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।