Move to Jagran APP

Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा पर 'गुरु पुष्य योग' समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा विशेष फल

ज्योतिषियों की मानें तो पौष पूर्णिमा पर सबसे पहले प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 मिनट से हो रहा है और अगले दिन यानी 26 जनवरी को 7 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। जबकि रवि योग सुबह 07 बजकर 13 मिनट से लेकर 8 बजकर 16 मिनट तक है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 08 Jan 2024 02:09 PM (IST)
Hero Image
Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा पर दुर्लभ 'गुरु पुष्य योग' समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Purnima 2024: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। तदनुसार, पौष पूर्णिमा 25 जनवरी को है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। साथ ही पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। पूर्णिमा तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही जगत के संचालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म जन्मांतर में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पौष पूर्णिमा पर दुर्लभ 'गुरु पुष्य योग' समेत 7 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

यह भी पढ़ें: क्या होती है प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा, जानें इसका धार्मिक महत्व

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 09 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 जनवरी को देर रात 11 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो पौष पूर्णिमा पर सबसे पहले प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 मिनट से हो रहा है और अगले दिन यानी 26 जनवरी को 7 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। जबकि, रवि योग सुबह 07 बजकर 13 मिनट से लेकर 8 बजकर 16 मिनट तक है।

यह भी पढ़ें: जानें, कब, कहां, कैसे और क्यों की जाती है पंचक्रोशी यात्रा और क्या है इसकी पौराणिक कथा?

पौष पूर्णिमा पर दुर्लभ गुरु पुष्य योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 16 मिनट से होगा, जो अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगा। इसी समय पर अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण होगा, जो अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक है। इसके अलावा, पौष पूर्णिमा पर बव करण का निर्माण 11 बजकर 23 मिनट तक हो रहा है। इसके बाद बालव करण को योग बनेगा।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।