Elon Musk का यूरोपीय आयोग पर गंभीर आरोप, कहा- X को जुर्माने से बचाने के लिए ऑफर की गई सीक्रेट डील
एलन मस्क ने यूरोपीय आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक्स पर जुर्माने से बचने के लिए उन्हें आयोग की तरफ से एक सीक्रेट डील ऑफर की गई। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्होंने साफतौर पर मना कर दिया। मस्क के इन आरोपों के बाद यूरोपीय आयुक्त थिएरी ब्रेटन का रिएक्शन आया और उन्होंने कहा कि ऐसी कोई डील नहीं हुई। मस्क के सारे आरोप बेबुनियाद हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने यूरोपीय आयोग पर एक बड़ा आरोप लगाया है। मस्क ने कहा कि यूरोपीय यूनियन (EU) के नियमों का पालन न करने पर जुर्माने से बचने के लिए उन्हें एक डील करने के लिए कहा गया। जबकि ऐसा करने के लिए उन्होंने मना कर दिया।
एलन मस्क का आरोप ऐसे वक्त में आया है जब आयोग ने एक्स को लेकर शुरुआती निष्कर्ष जारी किए हैं, जिनके मुताबिक X डिजिटल सेवा अधिनियम (DSA) का उल्लंघन करता है। जिस संस्था पर मस्क ने ये आरोप लगाया है वह यूरोपीय यूनियन (EU) की प्राथमिक कार्यकारी शाखा है। जिसे यूरोपीय आयोग (ईसी) कहते हैं।
मस्क का आयोग पर गंभीर आरोप
मस्क के द्वारा यूरोपीय आयोग पर लगाए इन आरोपों की हर तरफ चर्चा की जा रही है। मस्क के मुताबिक, उनको प्रस्ताव दिया गया कि अगर एक्स किसी को बताए बिना चुपचाप स्पीच को सेंसर कर दे, तो वे उस पर जुर्माना नहीं लगाएंगे। मस्क ने कहा कि बहुत से ऐसे प्लेटफॉर्म ऐसा कर रहे हैं, जबकि एक्स ने ऐसा करने से साफतौर पर इनकार कर दिया।आयोग की प्रतिक्रिया
एलन मस्क के इन आरोपों के बाद यूरोपीय आयुक्त थिएरी ब्रेटन ने आरोपों का खंडन किया। इन्होंने कहा कि जिस सौदा या डील के बारे में मस्क बात कर रहे हैं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है और न ही कभी होगा। किसी के साथ भी आयोग कभी भी ऐसा नहीं करेगा।
कैसे मिली विवाद को जड़?
इस विवाद को जड़ उस वक्त मिली जब आयोग ने कहा कि एक्स की ब्लू चेकमार्क प्रणाली भ्रामक है और डीएसए नियमों का उल्लंघन करती है। आयोग का कहना है कि यदि कोई यूजर पेमेंट करके ब्लू टिक लेता है तो इसमें एक्स की क्या प्रमाणिकता रह जाती है। पहले एक्स अपने स्तर पर वेरिफाई करके ब्लू टिक देता था। लेकिन अब सिर्फ पेमेंट करने के बाद ही ब्लू टिक मिल जाता है।
इस तरह कोई भी ब्लू टिक ले सकता है और खुद के वेरिफाई पर्सन बोल सकता है। बता दें यह नए यूरोपीय संघ के सोशल मीडिया नियमों के तहत टेक कंपनी X के खिलाफ आरोपों का पहला सेट है, जिसका मकसद यूरोपीय यूजर्स की सुरक्षा करना और गलत कंटेंट पर लगाम लगाना है।ये भी पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग: एपल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट सहित टेक कंपनियों के सीईओ ने जताई नाराजगी, कहा देश के लिए ये...