Microsoft ने ISRO से मिलाया हाथ, भारतीय स्पेस जगत की कैसे पलटेगी काया
भारत की जानी मानी स्पेस एजेंसी इसरो ने माइक्रोसॉफ्ट से साथ पार्टनरशिप की है। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य स्पेस टेक के छोटे स्टार्ट-अप को सशक्त बनाना है। आज हम जानेंगे की इस पार्टनरशिप से भारत को क्या फायदा होगा।
By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyUpdated: Fri, 06 Jan 2023 03:26 PM (IST)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नए साल में कई ऐसे मिशन और योजानओं के लिए रुपरेखा तैयार कर ली है, जो भारत को स्पेस जगत में एक नया मुकाम दिलाएंगे। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए एजेंसी ने Microsoft के साथ साझेदारी की है। बता दें कि इसरो और माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अंतरिक्ष-तकनीक स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है।
स्पेस मार्केट को मजबूत बनाएगी ये साझेदारी
इस MoU में देश भर में प्रौद्योगिकी डिवाइस और प्लेटफार्मों के साथ स्पेस टेक स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना की इच्छा को दर्शाया गया है। इसके अलावा इन्हें बाजार में उतरने के लिए सपोर्ट देने और मदद करने के लिए सलाह देता है। यह भारत में सबसे होनहार अंतरिक्ष तकनीक स्टार्टअप और उद्यमियों की बाजार क्षमता का उपयोग करने के इसरो के दृष्टिकोण को मजबूत करना चाहता है।
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हर स्टेज पर स्टार्टअप की मदद करेगा माइक्रोसॉफ्ट
इस टाई-अप के माध्यम से इसरो द्वारा निर्धारित किए गए स्पेस-टेक स्टार्टअप माइक्रोसॉफ्ट के स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब प्लेटफॉर्म का हिस्सा होंगे, जो आइडिया से यूनिकॉर्न तक उनकी पूरी जर्नी के हर स्टेज में स्टार्टअप का सपोर्ट करता है।मिलेंगे जरूरी तकनीकी सपोर्ट
स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब के लिए माइक्रोसॉफ्ट के माध्यम से, भारत में स्पेस-टेक स्टार्टअप संस्थापकों के पास अपने व्यवसाय को बनाने और चलाने के लिए जरूरी तकनीकी डिवाइस और संसाधनों तक फ्री एक्सेस होगा। इस सभी संसाधनों में एज़्योर, बेस्ट-इन-क्लास डेवलपर और गिटहब एंटरप्राइज, विजुअल स्टूडियो एंटरप्राइज और माइक्रोसॉफ्ट 365 सहित प्रोडक्शन टूल बनाने, स्केल करने के लिए तकनीकी सहायता, पावर BI और डायनेमिक्स 365 के साथ स्मार्ट एनालिटिक्स तक एक्सेस शामिल हैं।