Agra News: सस्ते पेट्रोल के झांसे में तो नहीं आए, 35 रुपये में तैयार होता था पेट्रोल-डीजल, राजस्थान में सप्लाई
Agra Crime News In Hindi एसटीएफ की छापामारी में गोदाम में नकली डीजल और पेट्रोल बनाने का काम चल रहा था। यहां थिनर कैराेसिन और एक केमिकल मिलाकर पेट्रोल और डीजल बनाया जाता था। इसे राजस्थान और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते दामों पर बेचते थे। एक लीटर की जगह आठ सौ ग्राम पेट्रोल ग्राहकों को दिया जाता था।
जागरण संवाददाता, आगरा। आगरा में शाहगंज और जगदीशपुरा के गोदामों में 35 रुपये में नकली डीजल और पेट्रोल तैयार करके उसे बाजार में 55 से 65 रुपये में बेचा जा रहा था। आरोपित पेट्रोल और डीजल में थिनर, साल्वेंट और थिनर आदि मिलाकर इसे तैयार करते थे।
सुबह चार बजे देहात क्षेत्र और राजस्थान में इसे बेचने निकल जाते थे। सुबह सात बजे तक पूरा माल बिक्री करके बाजार में खपा देते थे।पूर्ति विभाग की ओर से जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एसटीएफ ने मारा था गोदामों पर छापा
विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने नगला अक्खे शाहगंज और अवधपुरी में दो गोदामों पर छापा मारा था। वहां से सात हजार लीटर केमिकल बरामद किया। मौके से आवास विकास कालोनी जगदीशपुरा के रहने वाले योगेश उर्फ अन्नू, संजय उस्मानी निवासी राहुल नगर और रामवीर प्रजापति निवासी मिढ़ाकुर को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ में आरोपितों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दीं। योगेश और रामवीर ने बताया कि वह नकली डीजल-पेट्रोल तैयार करने के लिए साल्वेंट के अलावा कई केमिकल हरिद्वार से लेकर आते थे।
ग्रामीण क्षेत्राें में बेचते थे
नकली डीजल-पेट्रोल तैयार करने में 30 से 35 रुपये प्रति लीटर खर्चा आता था।इसे ग्रामीण क्षेत्रों में 55 से लेकर 65 रुपये लीटर तक बेचते थे। प्रति लीटर पर वह 35 से 40 रुपये तक लाभ कमाते थे। सीओ एसटीएफ उदय प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में जिला पूर्ति विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एक लीटर की जगह 800 मिलीलीटर देते थे
नकली डीजल-पेट्रोल में भी आरोपितों द्वारा चोरी का खेल किया जाता था। वह एक लीटर की जगह 800 मिलीलीटर ही देते थे। उन्होंने एक लीटर के नपने के अंदर सीमेंट डालकर उसे 800 मिलीलीटर का कर दिया था। डीजल-पेट्रोल बाजार से 30 से 35 रुपये सस्ता होने के कारण ग्रामीण अधिक छानबीन नहीं करते थे।