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रामलला के निराले ठाठ... सुबह केसर दूध-खीर और रबड़ी-पेड़ा का भोग, दिन में होता है ऐसा इंतजाम; जानिए दर्शन का समय

Ram Mandir अपने भव्य नव्य मंदिर में विराजित होने के बाद रामलला के ठाठ भी निराले हो गए हैं। आराध्य को सर्दी से बचाने के लिए गर्भगृह में ब्लोअर लगा है। इस समय नित्य लाखों भक्त भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप का दर्शन कर निहाल हो रहे हैं। अर्चक भी बाल रूप में भगवान राम को दिन में कई बार भोग अर्पित करते हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 30 Jan 2024 10:28 PM (IST)
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सुबह रबड़ी-पेड़ा का भोग, दिन में पांच बार अलग-अलग व्यंजन; तीर्थ ने जारी किया दर्शन करने का समय

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। अपने भव्य नव्य मंदिर में विराजित होने के बाद रामलला के ठाठ भी निराले हो गए हैं। आराध्य को सर्दी से बचाने के लिए गर्भगृह में ब्लोअर लगा है। इस समय नित्य लाखों भक्त भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप का दर्शन कर निहाल हो रहे हैं।

अर्चक भी बाल रूप में भगवान राम को दिन में कई बार भोग अर्पित करते हैं। केसर मिश्रित दूध व तस्मयी (खीर) यहां के विशेष व्यंजन हैं, जो निर्धारित समय पर नित्य निवेदित होते हैं। नियमित रूप से सुबह नौ बजे व अपराह्न दो बजे विशेष बालभोग (जलपान) लगाया जाता है।

सुबह साढ़े चार बजे होती है मंगला आरती

पुराने अर्चकों का दल ही प्रतिदिन रामलला को भोर में साढ़े चार बजे मंगला आरती से उठाता है। इसके पश्चात आराध्य का शृंगार कर उन्हें रबड़ी, पेड़ा आदि का बाल भोग लगाता है। सुबह साढ़े छह बजे शृंगार आरती होती है। सात बजे से दर्शन का क्रम प्रारंभ हो जाता है।

सुबह नौ बजे प्रतिदिन सर्दी को देखते हुए केसर मिश्रित दूध निवेदित होता है। दोपहर 12 बजे भोग आरती होती है। राज भोग में दाल चावल रोटी, सब्जी व हलुआ निवेदित होता है। फिर चार बजे के लगभग रामलला को केसरयुक्त तस्मयी (खीर) का भोग लगाया जाता है।

नमकीन का भी होता है अर्पण

कभी-कभी भगवान को नमकीन का भी अर्पण होता है। शाम साढ़े सात बजे ही संध्या आरती होती है। फिर से दर्शन प्रारंभ होता है। रात्रि नौ बजे भोग दाल, चावल पूड़ी, सब्जी, खीर का भोग लगाया जाता है। रात्रि 10 बजे शयन आरती कर आराध्य को शयन कराया जाता है।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की दर्शन की समय सारिणी

मंगला आरती - सुबह साढ़े चार बजे शृंगार आरती,

(उत्थान आरती)- सुबह साढ़े छह बजे भक्तों को दर्शन

सुबह सात बजे से भोग आरती : दोपहर 12 बजे संध्या आरती

शाम साढ़े सात बजे रात्रि भोग आरती- रात्रि नौ बजेशयन आरती - रात्रि 10 बजे

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