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नोटिस भेजने के बावजूद जिम्मेदारी नहीं निभा रहे डीएम, कोर्ट ने दिया आखिरी मौका- अगली बार हो जाएगा कठोर आदेश

जिला अधिकारी को कोर्ट की तरफ से बीते वर्ष नवंबर से कई नोटिस प्रेषित किए गए। इसके बावजूद जिलाधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। कोर्ट के नोटिस पर ना तो कोई अमल किया और ना ही जवाब ही भेजा। अपर प्रधान न्यायाधीश-तृतीय सुनीता शर्मा ने जिलाधिकारी मथुरा को 29 अप्रैल को निजी तौर पर तलब कर लिया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 05 Apr 2024 08:57 PM (IST)
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नोटिस भेजने के बावजूद जिम्मेदारी नहीं निभा रहे डीएम।

जागरण संवाददाता, बरेली। कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर अदालत ने मथुरा के जिलाधिकारी को निजी तौर पर तलब किया है। जिलाधिकारी ने कोर्ट का आदेश मिलने के बावजूद विपक्षी की जमीन कुर्क करके भरण पोषण की राशि अदालत में जमा नहीं कराई।

यह है पूरा मामला

बरेली के मोहल्ला शाहाबाद थाना प्रेमनगर निवासी स्वाति का विवाह वर्ष 2012 में जिला मथुरा के थाना बलदेव में बलदेव सिंह से हुआ था। वादिनी ने अपने पति के खिलाफ फैमिली कोर्ट में गुजारा खर्च का दावा किया था। वर्ष 2016 में कोर्ट ने विपक्षी के खिलाफ ढाई हजार रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता अदा करने का आदेश दिया। 

वादिनी बीते सात साल से भरण पोषण भत्ते की रिकवरी के लिए अदालत के चक्कर लगा रही है। अदालत ने अगस्त 2023 में विपक्षी की खेती की जमीन कुर्क करके उसकी बिक्री कर भत्ते की राशि 1.52 लाख रुपए कोर्ट में जमा करने का आदेश मथुरा के जिलाधिकारी को दिया। 

विपक्षी की जमीन जनपद मथुरा की तहसील महावन में स्थित है। जिलाधिकारी को कोर्ट की तरफ से बीते वर्ष नवंबर से कई नोटिस प्रेषित किए गए। इसके बावजूद जिलाधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। कोर्ट के नोटिस पर ना तो कोई अमल किया और ना ही जवाब ही भेजा। 

अपर प्रधान न्यायाधीश-तृतीय सुनीता शर्मा ने जिलाधिकारी मथुरा को 29 अप्रैल को निजी तौर पर तलब कर लिया है। कोर्ट ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि जिलाधिकारी के पेश न होने पर उनके खिलाफ कोर्ट कठोर आदेश पारित करेगा।