पीलीभीत में एक और पर्यटन स्थल विकसित करने की तैयारी, जानिये कौन सा है वो, क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
Tourist destination in Pilibhit पीलीभीत जिले में टाइगर रिजर्व और गोमती उद्गम स्थल प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुके हैं। अब टाइगर रिजर्व से सटे शारदा सागर डैम पर भी पर्यटन स्थल विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे विकसित करने का काम सिंचाई विभाग करेगा।
बरेली, जेएनएन। Tourist destination in Pilibhit : पीलीभीत जिले में टाइगर रिजर्व और गोमती उद्गम स्थल प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुके हैं। अब टाइगर रिजर्व से सटे शारदा सागर डैम पर भी पर्यटन स्थल विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे विकसित करने का काम सिंचाई विभाग की ओर से किया जाएगा। केंद्रीय जल आयोग की टीम प्राथमिक सर्वे कर चुकी है। तराई के इस जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व का चूका स्थल तो देश-विदेश में प्रसिद्ध हो चुका है।
साथ ही माधोटांडा में जिलाधिकारी पुलकित खरे के प्रयासों गोमती उद्गम स्थल भी धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन चुका है। वहां काशी की गंगा आरती की तर्ज पर गोमती माता की आरती प्रतिदिन सायं से समय शुरू कराई गई। इसके अलावा जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना के अंतर्गत प्रमुख स्थलों को छोटे छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब शारदा सागर डैम पर भी पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। कुल 22 किमी लंबे और छह किमी चौड़े इस डैम को देखकर समुद्र जैसा अहसास होता है।
चूका स्थल की सुंदरता में डैम का वह हिस्सा भी शामिल है, जहां वाटर हट बनी है और आसपास डैम में पर्यटकों को बोटिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। डैम के 10वें और 11वें किमी के बीच में सिंचाई विभाग की खाली पड़ी जमीन पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी है। पिछले दिनों दिल्ली से आई केंद्रीय जल आयोग की टीम ने पहले तो उन स्थानों को देखा, जहां जहां किनारे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनकी मरम्मत कराकर डैम की पिचिंग को मजबूती दी जाएगी।
टीम ने प्रस्तावित पर्यटन स्थल की जमीन भी देखी। साथ ही शीघ्र प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजने के लिए कहा है। शारदा सागर खंड के सहायक अभियंता मुकेश चंद्रा नेे बताया कि केंद्रीय जल आयोग की टीम ने पर्यटन विकसित करने को लेकर भी जानकारी जुटाई है। कार्रवाई को आगे बढ़ाने की बात भी कही गई है। इसके लिए विभागीय उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव तैयार कराने की कार्रवाई शुरू होगी।