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कड़ाके की सर्दी में सेहत का रखें ख्याल, शीतलहर से बच्चों में वायरल और बुजुर्गाें में हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे करें बचाव

शीत लहर से बच्चों में वायरल व बुजुर्गों में हार्टअटैक का खतरा बढ़ गया है। सुबह गलनभरी सर्दी पड़ रही है। दिन में धूप भी नहीं निकल रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में ही रोजाना 1200 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या मौसमी बीमारियों से बीमार हुए लोगों की है। चिकित्सक ठंड में बचाव की सलाह दे रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 06 Jan 2024 11:13 AM (IST)
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शीतलहर से बच्चों में वायरल व बुजुर्गों में हार्टअटैक का खतरा

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। धूप न निकलने से मौसम बढ़ी गलन बच्चों व बुजुर्गों को बीमार कर रही है। इनकी सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी होगी, वरना गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। जिला अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीज पहुंच रहे हैं।

सुबह शाम अब ठंड ज्यादा हो रही है। दिन में धूप भी नहीं निकल रही। इससे लोग ठंड से बचाव में लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि बच्चे और बुजुर्ग बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे हैं। सर्दी में सावधानी ही सबसे बड़ा इलाज और बचाव है।

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बदलते मौसम में बच्चों का रखें खास ख्याल

बाल रोग विशेषज्ञ डा. आशीष शर्मा का कहना है कि बदलते मौसम में बच्चों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। इस मौसम में वायरल इंफेक्शन का खतरा अधिक हो जाता है। जो बच्चे अस्पताल आ रहे हैं, उनमें वायरल बुखार, निमोनिया, सर्दी, खांसी और जुकाम आदि बीमारियों की शिकायत देखी जा रही है। पिछले पांच दिनों से सर्दी लगातार पड़ रही है। इसमें सर्दी से बीमार हुए बच्चों की संख्या अधिक है।

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ऐसे करें बचाव

  • बच्चों को पूरी बाजू के ऊनी कपड़े पहनाकर रखें।
  • कमरे में गरमाहट की पूरी व्यवस्था रखें।
  • दूध देने से पहले बोतल कम से कम पांच मिनट तक पानी में खौलाएं।
  • पानी में बच्चों को न खेलने दें और ठंडी चीजें खाने को न दें।
  • बच्चों को दूध भी गुनगुना करके दें।
  • बुजुर्ग सुबह जल्दी बाहर टहलने न निकलें। हल्की धूप के बाद ऊनी कपड़े पहनकर निकलें।
  • हृदय और उच्च रक्तचाप वाले मरीज विशेष सर्तक रहें।
  • समय से दवा ले सांस लेने में परेशानी पर डाक्टर की सलाह लें। 

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजीव प्रसाद का कहना है कि इस मौसम में डायरिया और वायरल बुखार और हार्टअटैक का खतरा होने की सबसे अधिक संभावना रहती है।