निजी क्लीनिक पर बच्चे की मौत, शव लेकर भटकता रहा परिवार
एक दुकान में संचालित क्लीनिक पर उपचार के दौरान पांच साल के बच्चे क
जागरण संवाददाता, एटा : एक दुकान में संचालित क्लीनिक पर उपचार के दौरान पांच साल के बच्चे की मौत हो गई। मौत के बाद परिवार से कह दिया गया कि दूसरे डाक्टर को दिखा लो। इससे पहले इस क्लीनिक के संचालक ने 10 हजार रुपये जमा करा लिए। इलाज करने वाले के पास कोई डिग्री है या नहीं इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को भी कोई जानकारी नहीं है।
श्याम नगर में एक छोटी सी दुकान में संचालित क्लीनिक पर पुराने एआरटीओ दफ्तर के पास रहने वाले नूर हसन ने अपने पांच वर्षीय बेटे साहिल को रविवार सुबह भर्ती कराया था। मरीज को भर्ती करने के लिए दुकान में जगह तक नहीं है। फिर भी बच्चे की हालत गंभीर होते हुए भी उसे भर्ती कर लिया। बच्चे को पेट दर्द और दस्त की शिकायत थी, दुकान पर उसके बोतल लगा दी गई। पिता नूर हसन ने बताया कि दो बोतल चढ़ा दीं, लेकिन बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद कह दिया कि दूसरे डाक्टर को दिखा लो। इससे पहले 10 हजार रुपये जमा करा लिए। मृत अवस्था में बच्चे को गोद में लेकर परिवार मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में पहुंचा, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिर भी परिवार के लोग अन्य निजी क्लीनिकों पर मृत बच्चे को लेकर भटकते रहे, लेकिन बच्चे में कुछ था ही नहीं। जिस क्लीनिक पर इसका उपचार चला वह मेडिकल कालेज के बहुत नजदीक है यानि कि स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे झोलाछाप बैठे हैं, फिर भी विभाग को दिखाई नहीं दे रहा। सीएमओ डा उमेशचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जानकारी की जा रही है, अगर कुछ गलत पाया जाएगा तो कार्रवाई होगी।