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हद है! 7 गुना तक बढ़ाया टैक्स, गाजियाबाद में जमकर शुरू हुआ विरोध; व्यापारी बोले- यह हिटलरशाही है

Ghaziabad News यूपी के गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा टैक्स बढ़ाने का विरोध शुरू हो गया है। व्यापारियों ने सोशल मीडिया पर भी विरोध करना शुरू कर दिया है। साथ ही व्यापारियों ने कहा कि यह सीधे-सीधे हिटलरशाही है। उधर नगर निगम के पूर्व मेयर ने भी बढ़े टैक्स के विरोध में तल्ख प्रतिक्रिया की है। पढ़िए व्यापारियों ने और क्या-क्या कहा है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 18 Sep 2024 04:34 PM (IST)
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गाजियाबाद में टैक्स बढ़ाने का विरोध शुरू हो गया है। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में नगर निगम द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में इकाइयों पर तीन से सात गुना टैक्स बढ़ाने का विरोध शुरू हो गया है। पूर्व मेयर अशु वर्मा ने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नगरवासियों का हित सर्वप्रथम। एक साथ इतना टैक्स नहीं बढ़ा सकते। बढ़े टैक्स का जमकर विरोध हो।

नगर निगम की ओर से औद्योगिक इकाइयों व व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर तीन से सात गुना तक टैक्स बढ़ा दिया गया है। उद्यमियों को टैक्स जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने इतना अधिक टैक्स बढ़ाए जाने को लेकर उद्यमी से लेकर व्यापारी तक गुस्से में है।

उनका कहना है कि सुविधाओं के नाम पर औद्योगिक क्षेत्रों में नगर निगम की ओर से कोई मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती। सड़कें टूटी हैं और जलनिकासी न होने से जलभराव होता है और पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। टैक्स किस वजह से बढ़ाकर वसूलने की मंशा है। वहीं, नगर निगम के पूर्व मेयर ने भी बढ़े टैक्स के विरोध में तल्ख प्रतिक्रिया की है।

औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयों के कवर्ड एरिया पर नगर निगम की ओर से टैक्स वसूला जाता था, पर अब ओपन एरिया में भी टैक्स लगा दिया गया। मेरठ रोड की इकाइयों पर एक लाख रुपये की जगह सात लाख रुपये टैक्स जमा कराने के लिए नोटिस भेजा है। - हंसपाल प्रीतम सिंह, उद्यमी, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र

हम अपने शहरवासी, व्यापारी व उद्यमी को नगर निगम के अधिकारियों द्वारा लुटते नहीं देख सकते। इसका विरोध हर पार्षद व आमजन को करना होगा। यह सीधे-सीधे हिटलरशाही है। इसके लिए महापौर से भी संज्ञान लेकर इसे पूर्ववत करने का आग्रह किया है। - अशु वर्मा, पूर्व मेयर, नगर निगम

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हमारे यहां औद्योगिक इकाइयों पर 22 हजार रुपये का टैक्स नगर निगम को जाता था, पर इस बार इसे बढ़ाकर करीब 70 हजार कर दिया गया है। हमें पिछले वर्ष का टैक्स जोड़कर करीब सवा लाख रुपये का नोटिस निगम से आया है। - मोहित कुशाल, उद्यमी, एसएसजीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र

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