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गाजियाबाद में पथरी का ऑपरेशन करने के 24 दिन बाद मरीज की मौत, लोगों ने अस्पताल को घेरा

मरीज की मौत पर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा लोगों ने अस्पताल का घेराव किया। सुबह सात बजे से 12 बजे तक अस्पताल के बाहर हंगामा होता रहा। पुलिस ने लोगों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अस्पताल के बाहर पांच घंटे तक हंगामा चला लेकिन स्वास्थ्य विभाग से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। लोगों अस्पताल के बाहर बैठ गए।

By Hasin ShahjamaEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 23 Oct 2023 01:45 PM (IST)
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गाजियाबाद में पथरी का ऑपरेशन करने के 24 दिन बाद मरीज की मौत, लोगों ने अस्पताल को घेरा

संवाद सहयोगी, लोनी। बार्डर थाना क्षेत्र के शांति नगर स्थित गोपाल अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करने के 24 दिन बाद सोमवार सुबह मरीज की मौत हो गई।

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा लोगों ने अस्पताल का घेराव किया। सुबह सात बजे से 12 बजे तक अस्पताल के बाहर हंगामा होता रहा। पुलिस ने लोगों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मूल रूप से बुलंदशहर के अनूपशहर के रहने वाले 40 वर्षीय सुभाष चंद्र पत्नी, मां और तीन बच्चों के साथ सुनीता विहार कॉलोनी में रहते थे। वह वैशाली के कार शोरूम में नौकरी करते थे। भांजे रूपेश कुमार ने बताया कि सात माह पहले सुभाष के पेट में दर्द उठा तो उनकी जांच कराई गई।

मरीज के पित्ताशय में थी पथरी

जांच में पता चला कि उनके पित्ताशय में पथरी है। दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। उन्हें आराम नहीं लगा। 26 सितंबर को उन्हें वह गोपाल अस्पताल शांति नगर लेकर पहुंचे।

22 हजार बताई थी फीस

डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए कहा। ऑपरेशन करने की फीस 22 हजार रुपये बताई गई। 27 सितंबर को उनका ऑपरेशन किया गया। उन्होंने कुछ पैसे पहले जमा कर दिए और शेष पैसे ऑपरेशन होने के बाद जमा कर दिए।

29 सितंबर को मरीज को अस्पताल से मिली थी छुट्टी

29 सितंबर के सुभाष को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। घर जाने के बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं आया। उनके पेट का दर्द बंद नहीं हुआ। उन्हें उल्टी लगनी शुरू हे गईं। ऑपरेशन के बाद वह सात से आठ बार अस्पताल में उपचार दर्द और उल्टी की समस्या लेकर पहुंचे। हर बार अस्पताल ने पैसे लेकर खानापूर्ति कर दी।

रविवार शाम को फिर से अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। वह उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे तो पांच हजार रुपये लेकर उपचार शुरू किया। उपचार करने के कुछ देर बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

सोमवार सुबह चार बजे फिर से सुभाष की तबीयत बिगड़ गई। वह उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे तो उनको इंजेक्शन और ग्लूकोस लगा दी गई। 10 मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई।

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स्वास्थ्य विभाग से नहीं पहुंचे अधिकारी

अस्पताल के बाहर पांच घंटे तक हंगामा चला, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। लोगों अस्पताल के बाहर बैठ गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने मुश्किल से लोगों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सुभाष का पथरी का आपरेशन हुआ था। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आज सुबह अस्पताल लाया गया। जहां उकनी मौत हो गई। स्वजन के तहरीर मिलने पर स्वास्थ्य विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा जाएगा।

- रवि प्रकाश, सहायक पुलिस आयुक्त

मामला संज्ञान में है। टीम गठित कर जांच कराने का आदेश दिया है। नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. भवतोष शंखधर, मुख्य चिकित्साधिकारी