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2006 Noida Serial Murders: निठारी कांड के 13वें मामले में सुरेंद्र कोली बरी, 10 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म व हत्या का था आरोप

2006 Noida Serial Murders निठारी कांड के 13वें मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत ने सुरेंद्र कोली को बरी करने का निर्णय लिया। यह मामला 10 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने का था।

By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 01:44 PM (IST)
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विशेष न्यायाधीश की अदालत ने साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए सुरेंद्र कोली को बरी करने के आदेश दिए।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। 2006 Noida Serial Murders:  नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के 13वें मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत ने सुरेंद्र कोली को बरी करने का निर्णय लिया। यह मामला 10 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने का था। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि इस मामले में मौक़े से न तो बच्ची के शव के टुकड़े मिले थे और न ही उसके कपड़े बरामद हुए थे। सीबीआइ ने परिस्थिति जन्य साक्ष्यों के आधार पर सुरेंद्र कोली के ख़िलाफ़ आरोप पत्र पेश किया था। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत ने साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए सुरेंद्र कोली को बरी करने के आदेश दिए।

यह था मामला

सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि 19 अप्रैल 2006 को एक 10 वर्षीय बच्ची रहस्यमय हालात में गायब हो गई थी। काफी तलाशने के बाद भी जब बच्ची कहीं नहीं मिली तो उसके पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआइ को स्थानांतरित कर दिए गए थे। 10 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म व हत्या के मामले में सीबीआइ ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। मामले में अभियोजन की तरफ से 33 गवाह पेश किए गए। कुल 265 दिन अदालत में सुनवाई चली थी। मालूम हो, कि निठारी कांड के 12 मामलों में पूर्व में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा हो चुकी है।