Deoria Murder: देवरिया पुलिस व एलआइयू की विफलता से गई 6 लोगों की जान, स्पेशल DG ने ADG जोन से मांगी रिपोर्ट
Deoria Murder Case देवरिया में भूमि विवाद को लेकर हुई छह लोगों की हत्या की घटना में अब पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। हत्याकांड की वजह पुलिस व एलआइयू की विफलता मानी जा रही है। यही वजह है कि स्पेशल डीजी ने एडीजी जोन अखिल कुमार से विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। जिसको लेकर जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पुलिस व एलआइयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की विफलता से देवरिया के रुद्रपुर के फतेहपुर गांव में छह लोगों की हत्या हुई। लापरवाही सामने आने पर शासन के निर्देश पर गुरुवार को एसडीएम, सीओ, थानेदार के साथ ही हलका दारोगा व बीपीओ पर कार्रवाई की गई है। अब अगले चरण में अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने पूरे मामले की जांच अपर पुलिस महानिदेशक जोन अखिल कुमार को सौंपने के साथ ही तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।
इन बिंदुओं पर पड़ताल कर रहे एडीजी जोन
एडीजी जोन अखिल कुमार घटना से जुड़े सभी बिंदुओं की गहनता से पड़ताल कर रहे हैं। इसमें वह जांच रहे हैं कि दोनों पक्षों के बीच भूमि विवाद कब से था? कितनी बार थाना, तहसील दिवस पर प्रार्थनापत्र आया? अधिकारियों ने इस पर क्या कार्रवाई की? थाने के भूमि विवाद रजिस्टर में यह प्रकरण दर्ज है या नहीं। हलका दारोगा व बीट पुलिस अधिकारी के संज्ञान में मामला था या नहीं। मामला संज्ञान में था तो जीडी में बीट सूचना दर्ज कराकर निरोधात्मक कार्रवाई की गई या नहीं?
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घटना के बाद मौके पर पहुंचे थे अधिकारी
घटना के बाद फतेहपुर गांव में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के साथ स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार भी पहुंचे थे। तब जांच में सामने आया था कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या से पहले दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी। पहली हत्या के बाद दूसरे पक्ष के लोग जुटे और सत्यप्रकाश दूबे के साथ उनकी पत्नी, दो बेटी व एक बेटे की हत्या कर दी।
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तय हो सकती है अधिकारियों की जवाबदेही
गांव में इतनी देर तक चले विवाद से स्थानीय पुलिस व जिले के अधिकारी अनजान रहे। सही समय पर सूचना मिलने से इस घटना को टाला जा सकता था। चर्चा है कि एडीजी जोन की जांच रिपोर्ट के बाद जिले के कई अन्य अधिकारियों की जवाबदेही शासन से तय होगी।