गोरखपुर के लोगों के लिए खुशखबरी, इन नौ गांवों की भूमि अधिग्रहित करेगी सरकार; मिलेगा चार गुणा मुआवजा
Gorakhpur News भटहट से बांसस्थान स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 16 हेक्टेयर निजी व सरकारी जमीन अधिगृहीत की जाएगी। अधिग्रहण से नौ गांव के करीब एक हजार काश्तकार और उनके परिवार प्रभावित होंगे। इन काश्तकारों को जमीन के सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। इसे लेकर दर निर्धारण समिति रिपोर्ट तैयार कर रही है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भटहट से बांसस्थान स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 16 हेक्टेयर निजी व सरकारी जमीन अधिगृहीत की जाएगी। अधिग्रहण से नौ गांव के करीब एक हजार काश्तकार और उनके परिवार प्रभावित होंगे।
इन काश्तकारों को जमीन के सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। इसे लेकर दर निर्धारण समिति रिपोर्ट तैयार कर रही है। सभी प्रभावित काश्तकारों के अंश की दर तय होने के बाद बैनामा कराने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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मुआवजा वितरण के बाद शुरू होगा निर्माण
मुआवजा वितरण और सड़क के बीच में आ रहे पेड़ों की कटान के बाद निर्माण शुरू होगा। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि जल्द ही जमीन बैनामा कराने और मुआवजा वितरण का काम शुरू हो जाएगा।
भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक फोरलेन सड़क के लिए जिन गांवों की जमीन अधिगृहीत की जाएगी उसमें परसौना, जंगल मोहब्बत बरवा, जंगल भेलम उर्फ भगवानपुर, जंगल डुमरी नंबर दो, पिपरी, तरकुलहा, जैनपुर, जंगल माघी और भटहट का नाम शामिल है।
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टेंडर हो चुका है जारी
11.6 किमी लंबी इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए 689 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इसमें 300 करोड़ रुपये जमीन के अधिग्रहण, बिजली के खंभों को हटाने के साथ ही वन विभाग की ओर से काटे जाने वाले पेड़ों के मुआवजे पर खर्च होगा। दस महीने पहले मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास भी कर चुके हैं। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग इसका टेंडर भी जारी कर चुका है।
फोरलेन निर्माण के दौरान बांसस्थान में स्थित चिलुआ नदी व बड़हरियां के पास तुर्रा नाला पर दो बड़े पुल समेत कुल 11 पुलों का निर्माण भी कराया जाना है। जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी होने तक छोटे-छोटे पुल- पुलिया के निर्माण की शुरूआत की जा चुकी है।
करीब एक सप्ताह पहले भटहट कस्बे के बैरियर तिराहे से पेड़ों की कटान भी शुरू हो गई थी। हालांकि दलाल चौराहे तक पहुंचते ही यह काम ठप पड़ गया।