Gorakhpur चिड़ियाघर में बसाया जाएगा हर जानवर का परिवार, तैयार हो रही जोड़े में न रहने वाले जानवरों की सूची
गोरखपुर चिड़ियाघर प्रशासन केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नए नियम के अनुपालन में जुट गया है। नए नियम के अनुसार हर जानवर को चिड़ियाघर में नर-मादा के जोड़े में रखा जाना है। ऐसे में यहां जोड़े में न रहने वाले जानवरों की सूची तैयार हो रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur Zoo: शहीद अशफाकुल्ला खां प्राणि उद्यान में अब कोई जानवर परिवार के बिना नहीं रहेगा। सभी का परिवार बसाया जाएगा यानी उन्हें हाल में जोड़े में ही रखा जाएगा। इसे लेकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नए नियम के अनुपालन में चिड़ियाघर प्रशासन जुट गया है। ऐसे जानवरों की सूची तैयार की जा रही है, जो नर-मादा के जोड़े में नहीं है। जिन्हें चिन्हित किया जा चुका है, उनके जोड़े को तलाशकर मंगाने की तैयारी भी चल रही है।
चिड़ियाघर में नर-मादा को जोड़े में रखने पर चर्चा
बीते दिनों लखनऊ के चिड़ियाघर में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नए नियमों को लागू करने को लेकर बैठक आयोजित हुई। इसमें हर जानवर को चिड़ियाघर में नर-मादा के जोड़े में रखने को लेकर विशेष चर्चा हुई क्योंकि इसे लेकर प्राधिकरण का विशेष जोर है। प्राधिकरण का मानना है कि ऐसा करके ही हम जानवरों की वंश वृद्धि सुनिश्चित कर सकेंगे। बैठक में हिस्सा लेकर लौटे गोरखपुर चिड़ियाघर के अधिकारियों ने आने के तत्काल बाद इसे लेकर कार्य शुरू कर दिया है।
इन जानवरों पर हो रहा विशेष कार्य
चिड़ियाघर में मौजूद जिन जानवरों का जोड़ा बनाने को लेेकर विशेष सक्रियता है, उनमें मादा बोनट बंदर और सफेद बाघिन गीता प्रमुख हैं। दोनों जानवरों के नर की तलाश चिड़ियाघर प्रशासन कर रहा है। बाघ दिवस पर अपने आनलाइन संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी चर्चा की थी। गीता के जोड़े के लिए चेन्नई चिड़ियाघर से बातचीत चल रही है। इसके अलावा कानपुर चिड़ियाघर में मंगाए जा रहे काले हिमालयन भालू को लेकर भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। इसके जोड़े के लिए शक्करबाग प्राणि संग्रहालय जूनागढ़ से संपर्क साधा जा रहा है। हालांकि चिड़ियाघर में शेर व शेरनी जोड़े में है लेकिन शेरनी मरियम अपनी उम्र पूरी कर चुकी है इसलिए शेर पटौदी के नए जीवन-साथी की तलाश भी अभी से शुरू हो गई है।
लखनऊ चिड़ियाघर से जोड़े में आएंगे जेब्रा
बहुत जल्द लखनऊ चिड़ियाघर से गोरखपुर चिड़ियाघर लाए जाने वाले जेब्रा को लेकर भी चिड़ियाघर प्राधिकरण के इस नियम का पालन किया जा रहा है। जेब्रा जोड़े में ही लाए जाएंगे। उनसे पहचान के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर के जू-कीपर को लखनऊ चिड़ियाघर भेजा जा चुका है।
क्या कहते हैं अधिकारी
शहीद अशफाकुल्ला खां प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वंशवृद्धि के लिए चिड़ियाघर में हर जानवर को नर व मादा के जोड़े में रखने पर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण का जोर है। प्राधिकरण के मानक को पूरा करने के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर में कार्य शुरू कर दिया गया है। बहुत जल्द हर जानवर का जोड़े में रहना सुनिश्चित कर दिया जाएगा।