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Digital Arrest: चार दिन डिजिटल अरेस्ट रख बुजुर्ग से 30 लाख रुपये की ठगी, क्राइम ब्रांच अधिकारी बन महिला ने की जालसाजी

उत्‍तर-प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के पद से सेवानिवृत को साइबर जालसाजों ठग लिया है। उन्‍हें चार दिनों तक डिजिटल अरेस्‍ट करके रखा हुआ था। इस दौरान उन्‍होंने बुजुर्ग के खाते से 30 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जालसाज महिला ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताकर जालसाजी की है।

By Jitendra Pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 08 Aug 2024 10:08 AM (IST)
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ठगी होने पर साइबर अपराध थाने में केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जागरण

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रामगढ़ताल क्षेत्र के सिद्धार्थ इंक्लेव निवासी विज्येंद्र कुमार पांडेय को चार दिन डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर जालसाजों ने मनी लांड्रिंग का डर दिखा उन्हें प्रताड़ित करते रहे। पीड़ित की तहरीर पर साइबर अपराध थाने में बुधवार को केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

विज्येंद्र स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के पद से सेवानिवृत हैं। वह दिव्यांग बेटे और पत्नी के साथ तारामंडल स्थित घर पर रहते हैं। विज्येंद्र ने बताया कि एक जुलाई को उनके मोबाइल फोन पर सुबह 9:37 बजे काल आई।

फोन करने वाले ने कहा कि वह एसबीआइ कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से बोल रहा हूं। आपके क्रेडिट कार्ड पर एक लाख 96 हजार रुपये बकाया है। मुंबई क्राइम ब्रांच को रिकवरी के लिए भेजा है। क्राइम ब्रांच अधिकारी सोनल राठौर का नंबर भेज रहा हूं, उनसे बात करके मामला निपटा लें।

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उन्होंने कहा कि वह न तो मुंबई में रहते हैं, न ही उनके पास कोई क्रेडिट कार्ड है। इसके बाद भी उसने कहा कि फिर भी बात कर लें, वरना क्राइम ब्रांच की टीम घर जाएगी। इसके बाद जब वह दिए गए नंबर पर फोन किए तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड का प्रयोग मनी लांड्रिंग में किया गया है।

केनरा बैंक अधिकारी सुरेश अनुराग के मनी लांड्रिंग मामले में उनका भी नाम आया है। इसमे ढाई करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है। इस पर वह बोले कि यह सब गलत है। कुछ देर बाद उनके पास उसी नंबर से वीडियो काल आई।

इसमें एक महिला पुलिस की वर्दी पहनकर बैठी थी। उसके पीछे दीवार पर बड़ा सा क्राइम ब्रांच मुंबई का लोगो लगा था। महिला के मांगने पर उन्होंने वाट्सएप पर आधार कार्ड भेजा। जिसे देखने के बाद महिला ने कहा कि इस केस में वह शामिल हैं। जांच में मदद करें, वरना आपके घर से क्राइम ब्रांच उठाकर मुंबई लाएगी।

इसके बाद वह डर गए और मदद करने के लिए तैयार हो गए। महिला के कहने पर हर घंटे वीडियो काल करके वह अपना अपडेट देते रहे। इसी बीच महिला ने उनसे बैंक में जमा रुपये और डिटेल भेजने के लिए कहा।

साथ में एक सुप्रीम कोर्ट का लेटर भेजा, जिसमे एक बैंक का खाता नंबर रुपये जमा करने के लिए दिया गया। उन्हें बताया गया कि आरबीआइ जांच के बाद रुपये वापस भेज देगी। विज्येंद्र ने बताया कि तीन से चार बार में बैंक में जमा रुपये और एफडी तुड़वाकर कुल 30 लाख रुपये उन्होंने महिला द्वारा भेजे गए अकाउंट नंबर पर भेज दिया।

इसके बाद उन्हें हर घंटे अपडेट देने के लिए कहा गया। एक जुलाई से चार जुलाई तक वह हर घंटे वाट्सएप पर अपडेट देते रहे। इसके बाद भी उनके पास उधर से कोई जवाब नहीं आया।

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एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ने लगे है। साइबर थाने को अब तक पांच शिकायतें मिली हैं। इसमें दो लिखित रूप से दी गई हैं। सेवानिवृत स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के साथ भी साइबर अपराधियों ने इसी तरह ठगी की है। लोगों को खुद जागरूक होना होगा। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। पुुलिस पीड़ित से डिटेल लेकर अपराधियों का पता लगाएगी।