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Gorakhpur News: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल का किया लोकार्पण, पढ़िए यूपी के विकास पर क्या बोले?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोरखपुर में पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह माध्यम है जो समाज में समानता पैदा करता है और असमानता पर कुठाराघात करता है। कहा कि यह स्कूल भविष्य की पीढ़ी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर सैनिक स्‍कूल खाद कारखाना परिसर में बना हुआ है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 07 Sep 2024 01:08 PM (IST)
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गोरखपुर में सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।- सभी फोटो अभ‍िनव राजन चतुर्वेदी

 जागरण संवाददाता, गोरखपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत विकास की एक नई यात्रा पर है। भारत के इस विकास में 2017 से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दौरान देश के सबसे बड़े इस प्रदेश में कई नई चीजें हुई हैं। उससे पहले प्रदेश में आम नागरिक परेशान था। कानून व्यवस्था का उल्लंघन होता था।

उपराष्ट्रपति शनिवार को खाद कारखाना परिसर में 49 एकड़ में निर्मित सैनिक स्कूल का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा बदलाव का केंद्र है। इसके बिना बदलाव नहीं आ सकता। शिक्षा ही समाज मे फैली कुरीतियों पर कुठाराघात कर सकती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान है। हमें निजी स्वार्थ एवं राजनीकित स्वार्थ से ऊपर उठना पड़ेगा। यदि स्वार्थ में पड़े रहेंगे तो हम हमारे देश की हजारों वर्ष की संस्कृति पर कुठाराघात करेंगे। यदि हम राष्ट्रवाद से समझौता करेंगे तो वह राष्ट्र के साथ परम धोखा होगा।

कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अपने देश की स्थिति पड़ोसी देश जैसी हो जाएगी। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें समझाने की जरूरत है। 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की जो यात्रा चल रही है, उसमें हम सभी को अपनी भागीदारी निभानी होगी।

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उन्होंने कहा कि जब वह केंद्र में मंत्री थे तो सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश से सोना स्विट्जरलैंड में गिरवी रखा गया था। अब स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि 1990 में जब श्रीनगर गया था तो वहां कोई दिखाई नहीं देता था। पिछले दो साल से हर साल दो करोड़ लोग वहां पहुंच रहे हैं।

बच्चों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि डर का डर मन से निकाल दें। डर कुछ नहीं होता, केवल काल्पनिक होता है। इसका कोई आधार नहीं होता। असफलता से बिल्कुल न घबराएं। यह तो सफलता का शुरुआती बिंदु है। उन्होंने चंद्रयान अभियान का उदाहरण देकर समझाया। यहां पढ़ रहे बच्चे उन गिने चुने लोगों में बैन, जिनको इस प्रकार की शिक्षा का लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से स्थापित यह सैनिक स्कूल दूसरे राज्यों को प्रेरणा देगा कि वहां भी सैनिक स्कूल सोसाइटी गठित कर ऐसे स्कूल खोले जाएं।

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मुख्यमंत्री की जमकर की प्रशंसा

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री उनके आवास पर सैनिक स्कूल का निमंत्रण लेकर आए तो वह भावुक हो गए। उनका निमंत्रण पत्र असाधारण था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हर काम असाधारण है। प्रदेश में हो रहे विकास इसका उदाहरण हैं।

जब हंस पड़े लोग

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि मुख्यमंत्री जी की नजर पैनी है लेकिन मेरे मामले में गिद्ध दृष्टि है। उन्होंने जितना होमवर्क मेरे बारे में किया है, उतना मेरे ससुर भी नहीं कर पाए। यह बात सुनकर सभी हंस पड़े। उन्होनेह खोज निकाला कि मैं सैनिक स्कूल का छात्र रहा हूं और निमंत्रण भी सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र को मिला था।

सैनिक स्कूल से बदली जिंदगी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब मैं गांव से सैनिक स्कूल आया तो वहां कुछ नहीं था। सैनिक स्कूल में सारी सुविधाएं थीं। उस समय लगा कि मैं कहां आ गया हूँ। लेकिन सैनिक स्कूल के नाते ही मैं कहां तक पहुंच गया। सैनिक स्कूल ने जिंदगी बदल दी।