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कानपुर से मुंबई और कोलकाता की फ्लाइट होने के बावजूद लखनऊ जाने को मजबृूर यात्री, जानें वजह

शहर से मुंबई के बीच कपड़ा ज्वैलरी और चमड़े का जबकि कोलकाता से मसाले टेक्सटाइल और रेडीमेड का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। इसके लिए व्यापारियों उद्यमियों का आवागमन भी होता है। फ्लाइट निरस्त होने के चलते व्यापारियों को डेढ़ से दो घंटे का अतिरिक्त समय लगता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Sat, 04 Sep 2021 08:47 PM (IST)
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कानपुर से फ्लाइट सेवा की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। शहर से दिल्ली के साथ ही देश की औद्योगिक नगरी मुंबई और कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं। यह दोनों फ्लाइट नियमित हैं लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि शहरवासियों को मुंबई और कोलकाता जाने के लिए लखनऊ से फ्लाइट लेनी पड़ती है। ऐसे में जहां वक्त भी बर्बाद होता है वहीं किराया भी अधिक लगता है। दरअसल मुंबई की फ्लाइट अक्सर निरस्त हो जाती है जबकि कोलकाता की फ्लाइट 27 अगस्त को शुरू हुई थी और तब से एक बार ही आयी। ऐसे में शहर मुंबई और कोलकाता की फ्लाइट होने के बावजूद शहरवासी उसे पकडऩे लखनऊ जाते हैं। 

बुकिंग के बाद भी यात्रा पर रहता संशय: मुंबई और कोलकाता की यात्रा में लिए टिकट आरक्षित कराने के बाद भी यात्रियों को संशय बना रहता है कि आखिर वह तय तिथि पर यात्रा कर पाएंगे अथवा नहीं। गैरजरूरी यात्रा हो तो कोई बात नहीं लेकिन अक्सर जरूरी काम से जाने वाले लोगों को फ्लाइट का निरस्त होना भारी पड़ जाता है। जुलाई और अगस्त माह में मुंबई का विमान कई बार निरस्त हुआ जिसके चलते यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचकर वापस होना पड़ा। 

लखनऊ पहुंचने में लगता डेढ़ से दो घंटा: शहर से मुंबई के बीच कपड़ा, ज्वैलरी और चमड़े का जबकि कोलकाता से मसाले, टेक्सटाइल और रेडीमेड का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। इसके लिए व्यापारियों, उद्यमियों का आवागमन भी होता है। शहर से फ्लाइट निरस्त होने के चलते व्यापारियों को शहर के जाम से जूझते हुए डेढ़ से दो घंटे का अतिरिक्त समय लगता है।

चकेरी एयरपोर्ट से दोनों विमानों का शेड्यूल :

  • 11:45 बजे सुबह कोलकाता से उड़ान भरकर दोपहर दो बजे चकेरी एयरपोर्ट पर आती है
  • 2:20 बजे चकेरी से उड़कर 4:30 बजे कोलकाता पहुंचती है (कोलकाता का बेसिक किराया 2300 और अधिकतम 3700 है)
  • 9:10 बजे सुबह मुंबई से उड़कर 11:30 बजे चकेरी आती है
  • 12 बजे कानपुर से उड़कर 2:20 बजे मुंबई पहुंचती है (मुंबई का बेसिक किराया 3500 और अधिकतम 4700 है)

लखनऊ से कोलकाता फ्लाइट का शेड्यूल :

  • 8:05 बजे सुबह लखनऊ से उड़कर 9:50 बजे कोलकाता पहुंचती है
  • 9:50 बजे कोलकाता से उड़कर 11:30 बजे लखनऊ पहुंचती है
  • 2:05 बजे लखनऊ से उड़कर 3:50 बजे लखनऊ पहुंचती है (बेसिक किराया 5000 और अधिकतम 6500 है)

लखनऊ से मुंबई के लिए छह फ्लाइट हैं: शहर वासियों को मुंबई जाने के लिए लखनऊ से विमान पकडऩे में ज्यादा राहत मिलती है। दरअसल यहां दिनभर में छह विमान हैं जो हर दो घंटे के बाद मुंबई के लिए उड़ान भरते हैं। किराया जरूर अधिक है, लेकिन मुंबई आने-जाने में आसानी रहती है। 

  •  5:45 बजे सुबह लखनऊ से उड़कर 7:55 बजे मुंबई पहुंचती है
  • 8:05 बजे सुबह लखनऊ से उड़कर 10:30 बजे मुंबई पहुंचती है
  • 11:05 बजे सुबह लखनऊ से उड़कर 1:25 बजे मुंबई पहुंचती है
  • 2:10 बजे लखनऊ से उड़कर 4:15 बजे मुंबई पहुंचती है
  • 7:00 बजे शाम लखनऊ से उड़कर 9:10 बजे मुंबई पहुंचती है
  • 7:50 बजे शाम लखनऊ से उड़कर 10:10 बजे मुंबई पहुंचती है (बेसिक किराया 6600 और अधिकतम 7700 है)

इनकी भी सुनिए

  • मुंबई व कोलकाता की फ्लाइट नियमित न होने से समस्या बढ़ गई है।नया एयरपोर्ट नहीं बनेगा तब तक यह दिक्कत रहेगी।होजरी से लेकर इंजीनियङ्क्षरग उद्योग का कच्चा माल इन्हीं दोनों शहरों से आता है। - सुनील वैश्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आइआइए
  • चर्म उद्योग व गारमेंट इंडस्ट्री का बड़ा केंद्र कोलकाता है।रेडीमेट गारमेंट का यह बड़ा बाजार है।लखनऊ से चार फ्लाइट हैं।इस फ्लाइट में 40 फीसद पैसेंजर कानपुर का है।लखनऊ से जाने में दो घंटे अधिक समय लगता है। - जावेद इकबाल, रीजनल चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद
  • मुंबई व कोलकाता यह दोनों उद्योग के लिहाज से मुख्य कनेक्टेड सिटी हैं।कानपुर की तरक्की फ्लाइट पर निर्भर है क्योंकि शहर से इन दोनों जगहों के लिए अधिक यात्री हैं।इससे उद्योगों को बहुत नुकसान होता है। - बलराम नरूला, होजरी उद्यमी
  • कोलकाता से फार्मा के अलावा मशीनरी का बड़ा केंद्र है।दवाइयों की प्लांट मैन्यूफैक्चङ्क्षरग व छोटे-छोटे पार्ट भी यहीं से आते हैं।अक्सर फ्लाइट निरस्त रहने से परेशानी तो होती ही है। - अरूण भाटिया, फार्मा उद्यमी

इनका ये है कहना: 

यात्री न मिलने से फ्लाइट निरस्त होने की समस्या आ रही है।यह विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी है क्योंकि एक बार उड़ान की अनुमति देने के बाद नियमित अथवा अल्टरनेट फ्लाइट चलाना उनकी जिम्मेदारी है। - बीके झा, निदेशक चकेरी एयरपोर्ट