नया सवेरा बाल श्रम विद्या परियोजना: लड़कों को 1000 और लड़कियों को 1200 रु. हर माह, 6000 रु. की अतिरिक्त मदद भी
नया सवेरा बाल श्रम विद्या परियोजना के तहत लड़कों को 1000 और लड़कियों को 1200 रुपुये प्रतिमाह दिये जा रहे हैं जबकि 6000 रुपये की अतिरिक्त मदद भी दी जाती है। इस योजना का लाभ पाने के लिए आहर्ता और प्रक्रिया की पूरी जानकारी ले सकते हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में धीमी गति से चली नया सवेरा बाल श्रम विद्या परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है। बाल श्रम के अंधेरे से बच्चों को शिक्षा के उजाले में ले आए हैं। कानपुर, गोंडा, गोरखपुर, बरेली समेत 20 जिलों में 12 जून 2020 से शुरू हुई इस योजना का लाभ मिलने से बच्चे शिक्षा प्राप्त कर देश का भावी कर्णधार बनने का ताना-बाना बुनने लगे हैं। इसके प्रमाण के लिए नीचे दिए दो मामले काफी हैं..।
केस-1 : बाबूपुरवा निवासी 14 साल के अरमान के पिता अकरम का चार साल पहले हृदयाघात से निधन हो गया। मां ने झाड़ू पोछा कर किसी तरह अरमान को पालना शुरू किया लेकिन उसे पढ़ा नहीं पा रही थीं। परिवार का भरण पोषण करने के लिए अरमान एक कारखाने में हेल्पर का काम करने लगा। ऐसे में श्रम विभाग की बाल श्रम विद्या योजना नया सवेरा उसकी जिंदगी में उम्मीदों की नई सुबह लाई। अरमान को आरके पब्लिक स्कूल में प्रवेश दिलाया गया। उसकी मां का राशनकार्ड बनवाकर राशन की व्यवस्था कराई गई। अब उसके परिवार की गृहस्थी सुकून से चल रही है।
केस-2 : गोपाल नगर निवासी आलोक और नैमिष राठौर के पिता रामसेवक सिलिंडर डिलीवरी करते हैं। वैसे तो उनके बच्चे 11 वीं और 9 वीं के छात्र हैं लेकिन इन बच्चों को परिवार की मदद के लिए काम करना पड़ रहा था। इस बीच बच्चों की मां सोनू राठौर का निधन हो गया। नया सवेरा योजना में इन बच्चों को बालश्रम से मुक्ति दिलाकर देहरादून पब्लिक सीनियर सेंकडरी स्कूल गोपाल नगर में प्रवेश दिलाया गया। इसके साथ ही परिवार को एक हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से आर्थिक मदद दी गई। इस मदद से बच्चे पढ़ पा रहे हैं और परिवार का सामाजिक स्तर सुधरा है।
योजना पर एक नजर (नया सवेरा लाभार्थी)
प्रथम चरण में किए गए-1197
आर्थिक मदद दी जानी-1065
लाभ दिया जा रहा- 605
छात्र- 330
छात्राएं- 275
पात्रता की अर्हता
- आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, बेंक खाता विवरण , पासपोर्ट साइज फोटो।
- आवेदक यूपी राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 8 से 18 वर्ष होनी चाहिए।
- लाभार्थी अनाथ और मजदूरों के बच्चे होंगे।
क्या होगा फायदा
- इसमें लड़कों के लिए 1,000 रुपये और लड़कियों के लिए 1200 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
- कक्षा 8 वीं, 9 वीं और 10 वीं के छात्रों को 6,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
-यह योजना वास्तव में बच्चों का भविष्य संवारेगी और उनका बचपन भी संरक्षित करेगी। बच्चे आर्थिक मदद के जरिए अपने परिवार का सहारा भी बनेंगे। -शकुंतला गौतम, श्रमायुक्त, उत्तर प्रदेश
-योजना पर बच्चों के चिह्नीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि सभी जरूरतमंद बच्चों को लाभ दिया जा सके। -सईद रिजवान अली, राज्य समन्वयक