UP News: नामांतरण होते ही अब सीधे दर्ज होगा खतौनी में मालिक का नाम, छह साल नहीं करना होगा इंतजार
UP News भूमि संबंधी विवादों पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने वास्तविक समय (रियल टाइम) खतौनी बनाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद प्रशासन ने भी चारों तहसीलों में इस पर काम शुरू करा दिया है।
By alok sharmaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Thu, 09 Feb 2023 11:29 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता: भूमि संबंधी विवादों पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने वास्तविक समय (रियल टाइम) खतौनी बनाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद प्रशासन ने भी चारों तहसीलों में इस पर काम शुरू करा दिया है। इसका लाभ 1,110 गांवों के करीब 3.68 लाख किसानों को मिलेगा।
जमीन खरीदने के बाद जैसे ही नामांतरण होगा, खरीदार का नाम खतौनी के मुख्य कालम में चढ़ जाएगा। अब तक खरीदार को इसके लिए इंतजार करना पड़ता था। राजस्व कर्मियों को भी अब हर छह साल में नई खतौनी बनाने के काम से मुक्ति मिल जाएगी।
खतौनी को आधार और पैन कार्ड से भी जोड़ा जाएगा
भूमि विवादों पर अंकुश लगाने के लिए वास्तविक समय आधारित खतौनी तैयार होना शुरू हो गई है। नई खतौनी को आधार और पैन कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही भूमि विक्रय करने वाले का नाम हटाकर क्रेता का नाम तत्काल चढ़ाया जाएगाा।नामांतरण कराते ही मालिक का नाम मुख्य कालम में होगा दर्ज
जमीन खरीदने पर नामांतरण के बाद खतौनी के दाएं कालम में आदेश दर्ज होता था जबकि बायीं ओर स्थित मुख्य कालम में नाम चढ़वाने के लिए छह साल तक इंतजार करना पड़ता था। नई प्रक्रिया के बाद अब नामांतरण कराते ही मालिक का नाम सीधे मुख्य कालम में दर्ज होगा।
इसका फायदा तहसील विभाग के कर्मचारियों को भी होगा क्योंकि उन्हें प्रत्येक छह साल में खतौनी को नए सिरे से बनाने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
खतौनी में खातेदार का अंश भी स्पष्ट होगा
नई व्यवस्था में खतौनी खेत के गाटा संख्या के अनुसार तैयार की जा रही है। वास्तविक समय आधारित खतौनी में भूमि की प्रकृति अथवा अंश का भी स्पष्ट उल्लेख होगा। संक्रमणीय, असंक्रमणीय, आसामी, सीलिंग पट्टेदार, नवीन परती, आबादी, रास्ता अथवा चकरोड है, यह भी दर्ज होगा।
इसमें खातेदार का अंश स्पष्ट होने से कृषि योजनाओं और किसान क्रेडिट कार्ड आदि बनवाने के लिए किसान को अलग से हिस्सा प्रमाण पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ ही अन्य सह खातेदारों के नाम भी होंगे। अधिकारियों ने बताया कि नई खतौनी में विवादित भूमि का भी उल्लेख होगा। इससे भूमि खरीदते समय उसकी सही स्थिति का पता चल सकेगा।
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