Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Water Conservation: नागा निरंकारी धाम गढ़ रहा जीवन का आयाम, धरती से स्वत: फूट पड़ी थी जलधारा

कानपुर में नर्वल के नागा निरंकारी धाम में दो सौ साल पहले सूखा पडऩे पर नागा निरंकारी धाम का तालाब बना था जो वर्ष भर पानी से लबालब रहता है। यहां गर्मी में लोगों को राहत मिलती है और पानी की कमी को पूरा करता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 11:49 AM (IST)
Hero Image
नर्वल में जल संचयन की अमिट छाप बना तालाब।

कानपुर, [शैलेन्द्र त्रिपाठी ( महाराजपुर)]। नर्वल के छोटी पाली स्थित नागा निरंकारी धाम में बना दो सौ साल प्राचीन तालाब आज भी जल का समझो मोल , जीवन के लिए है अनमोल की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि दो सौ साल पहले जब क्षेत्र में सूखा पड़ा था तब पाली के एक जमींदार ने यह तालाब बनवाया था। आज भी यह तालाब पानी से भरा रहता है। पाली व आसपास के क्षेत्र में जल संरक्षण व जल संचयन के सबसे बड़े श्रोत के रूप में अपनी अमिट पहचान बनाए हुए है।

ग्रामीणों ने बताया कि उनके पूर्वज बताया करते थे कि जब अकाल पड़ा था तब लोगों के प्राणों की रक्षा के लिए इसका निर्माण कराया गया था। अधिक गहराई तक खोदाई होने पर धरती से स्वत: जलश्रोत फूट पड़ा था। अधिकतर समय इस तालाब में पानी भरा रहता है। कभी जरूरत पड़ी तो नागा बाबा समाधि मंदिर में लगे ट्यूबवेल से पानी भर दिया जाता है।

आस्था के साथ दिखती है ऐतिहासिकता : बीस बीघे से अधिक पर बना पूरा परिसर ग्रामीणों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। सिद्ध संत नागा बाबा यहीं रहते थे और इसी तालाब में स्नान किया करते थे। बाद में यहीं पर नागा बाबा की समाधि बना दी गई। तालाब पूरा पक्का बना हुआ है। चारो तरफ से तालाब में जाने के रास्ते हैं। प्राचीन बड़ी - बड़ी सीढिय़ां व आकर्षक चौकोर कोने खुद तालाब की प्राचीनता बताते हैं। सीढिय़ों के दोनों तरफ बड़े - बड़े गुंबद ऐतिहासिकता दर्शाते हैं।

कच्चे तालाब को है संवरने का इंतजार : नागा समाधि परिसर के बगल में ही एक और चार बीघे पर फैला कच्चा तालाब बदहाल पड़ा है। यदि ग्रामीण पहल करें और जिम्मेदार सहभागी बनें तो बदहाल तालाब को भी संवारकर जल संरक्षण की मुहिम को धार दी जा सकती है।

-पाली का तालाब बहुत प्राचीन व ऐतिहासिक है। संत नागा बाबा ने तालाब को और समृद्ध कराया था। पूरे साल तालाब पानी से भरा रहता है। -सचिन सिंह, पाली

-पहले तालाब में पाली - सवायजपुर रजबहे का भी पानी आता था, लेकिन अब पानी नहीं आ पाता, यदि रजबहे का पानी आने लगे तो आसपास का भूगर्भ जल बहुत अच्छा हो जाएगा। -साहबलाल अवस्थी, पाली

-ये तालाब पूरे क्षेत्र का सबसे खूबसूरत तालाब है। दो साल पहले जीर्णोद्धार भी कराया गया है। शासन कुछ ध्यान दे तो मॉडल तालाब बनाया जा सकता है। -राजकुमार वाजपेयी, खुजौली

-पक्के तालाब के बगल में ही एक और बड़ा तालाब बदहाल पड़ा है। यदि जिम्मेदार ध्यान दें तो उसको भी संवार कर जल संरक्षण की मुहिम को धार दी जा सकती है। -जयराम कुशवाहा, पाली