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नाथ संभु धनु भजंनि हारा, होइहय कोऊ एक दास तुम्हारा, लक्ष्मण परशुराम का संवाद सुन भाव विभोर हुए दर्शक

सिराथू कस्बे में आयोजित हो रही रामलीला में चौथे दिन धनुष यज्ञ सीता स्वयंवर लक्ष्मण-परशुराम संवाद कार्यक्रम का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। तर्क-वितर्क संवाद को सुनकर बैठे दर्शक आनंदित होकर भाव विभोर हो उठे।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Nov 2021 11:36 PM (IST)
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नाथ संभु धनु भजंनि हारा, होइहय कोऊ एक दास तुम्हारा, लक्ष्मण परशुराम का संवाद सुन भाव विभोर हुए दर्शक

कौशांबी। सिराथू कस्बे में आयोजित हो रही रामलीला में चौथे दिन धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर, लक्ष्मण-परशुराम संवाद कार्यक्रम का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। तर्क-वितर्क संवाद को सुनकर बैठे दर्शक आनंदित होकर भाव विभोर हो उठे।

नगर पंचायत सिराथू में 10 दिवसीय राम लीला कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रभु श्री राम के अलग-अलग जीवन चरित्र का सजीव मंचन हो रहा है। मंगलवार की रात मंचन में मुनि विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण मिथिला के राजा महाराज जनक द्वारा आयोजित धनुष यज्ञ कार्यक्रम में पहुंचे। जहां पर जनक द्वारा की गई प्रतिज्ञा के अनुसार शिव का धनुष उठाने वाले के साथ बेटी सीता का विवाह किया जाये । स्वयंवर में कई राज्यों के राजा व राजकुमार पहुंचे लेकिन शिव के धनुष को हिला तक न सके। मुनिवर की आज्ञा पाकर भगवान श्री राम ने धनुष को उठा कर दो टुकड़ों में खंडित कर दिया। जिसके बाद फूलों की वर्षा होने लगी और मां जानकी ने श्रीराम के गले में जयमाला डाल दी। पंडाल में शहनाई बजने लगी और महिलाएं मंगल गीत गाने लगीं। धनुष टूटने की आवाज सुनकर ऋषि परशुराम यज्ञशाला में पहुंचे और सभी राजाओं पर आक्रोश करते हुए कहा कि जिसने भी इस धनुष को भंग किया है वह समाज से बाहर हो जाए अन्यथा सारे राजा महाराजा मेरे हाथों मारे जाएंगे। जिस पर भगवान श्रीराम ने बड़ी शालीनता से कहा हे नाथ शिव का धनुष जिसने भंग किया है, वह आपका दास ही होगा अन्यथा दूसरा ऐसा नहीं कर सकता है। जिसके बाद परशुराम आग बबूला हो गए और फरसा लेकर राजाओं को मारने के लिए दौड़ने लगे। जिस पर लक्ष्मण क्रोधित हो उठे और उनके बीच तर्क-वितर्क संवाद शुरू हो गया। इसे सुनकर बैठे दर्शक आनंदित होकर भाव विभोर हो उठे। मंचन के बाद सभी भक्तों ने भगवान श्री राम, मां जानकी व लक्ष्मण की भव्य झांकी की आरती उतारी और जय श्रीराम के जयकारे लगाए। महिलाओं ने विवाह गीत गाया और धूमधाम के साथ भगवान राम-सीता विवाह उत्सव संपन्न हुआ।