UP News: निकायों के केंद्रीयित कर्मियों के 3601 पदों पर जल्द होगी भर्ती, योगी कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
UP Cabinet Meeting उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने निकायों में केंद्रीयित कर्मियों के 3 हजार 601 पदों में बढ़ोतरी की है। केंद्रीयित कर्मियों के वर्तमान में 3085 पद हैं जिन्हें बढ़ाकर 6686 किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाईसर्कुलेशन मंजूरी दे दी। काडर पुनर्गठन के आधार पर निकायों में जल्द ही 3601 पदों पर भर्तियां होंगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शहरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए उप्र पालिका (केंद्रीयित) सेवा संवर्ग के पुनर्गठन का बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने निकायों में केंद्रीयित कर्मियों के 3,601 पदों में बढ़ोतरी की है। केंद्रीयित कर्मियों के वर्तमान में 3,085 पद हैं, जिन्हें बढ़ाकर 6,686 किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाईसर्कुलेशन मंजूरी दे दी। काडर पुनर्गठन के आधार पर निकायों में जल्द ही 3601 पदों पर भर्तियां होंगी। मुख्यमंत्री की व्यस्तता के चलते मंगलवार को दिन में कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी। देर रात कैबिनेट बाईसर्कुलेशन नौ प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में केंद्रीयित कर्मियों को रखने के लिए वर्ष 2017 में पदों का निर्धारण हुआ था। तब प्रदेश में निकायों की संख्या 632 थी, जो अब बढ़कर 762 हो गई है। वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में तीन नगर निगम बनाए जाने के साथ ही 117 नए निकायों का गठन हुआ है। जबकि 124 नगर निकायों का सीमा विस्तार भी हुआ है।
केंद्रीयित कर्मियों की संख्या में कमी के कारण शहरों में बेहतर सुविधाएं देने में आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निकायों में केंद्रीयित कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की है। पदों की संख्या में बढ़ोतरी से निकायों की आय भी बढ़ेगी। वर्ष 2017-18 में निकायों की आय 2,117 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। नगर विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्मियों की संख्या बढ़ने से निकायों की आय भी बढ़ेगी।
लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए निकायों का मानकीकरण भी किया गया है। नगर निगमों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। जिनमें पहली श्रेणी में बीस लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ व वाराणसी को रखा गया है।
दूसरी श्रेणी में 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में मेरठ, गोरखपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन अयोध्या शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगमों में शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, झांसी व सहारनपुर हैं।
शहरी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नगर निगमों में पांच लाख की जनसंख्या पर एक जोन के गठन का प्रस्ताव है और किसी भी नगर निगम में तीन जोन से कम नहीं होंगे। वहीं पालिका परिषद को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।