Banke Bihari Manifestation: बाजी बधाई निधिवन जी में, जन्मे बिहारी...निधिवन राज मंदिर में ठाकुर बांकेबिहारी की प्राकटयस्थली का हुआ महाभिषेक
स्वामी हरिदास के लड़ैते ठा. बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव 17 नवंबर को विहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शोभायात्रा में देशभर के श्रद्धालु शामिल होकर आराध्य बांकेबिहारी के जन्मदिन की खुशी मनाते हैं। स्वामी हरिदास चांदी के डोले में बैठ बधाई देने के लिए शाेभायात्रा के रूप में निकलते हैं। करीब डेढ़ सौ साल से इसी तरह बधाई यात्रा निकलती आ रही है।
संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी के प्राकट्योत्सव पर रविवार की भोर से ही वृंदावन में उल्लास छाया है। आराध्य की निधिवन राज मंदिर स्तिथ प्राकटयस्थली पर सुबह भक्तों की भीड़ उमड़ी। ठीक पांच बजे सेवायत भिक्की गोस्वामी के सान्निध्य में वैदिक आचार्यों द्वारा उच्चरित वैदिक ऋचाओ के साथ ठाकुर बांकेबिहारी जी की प्राकटयस्थली का दुग्धाभिषेक शुरू हुआ तो मंदिर परिसर बांकेबिहारी के जयकारों से गुंजायमान हो गया।
भक्तों में उत्साह
निधिवन की निकुंजों के मध्य प्राकट्यस्थली के दर्शन को भक्तों में उत्साह देखते बन रहा था। आराध्य की प्राकट्यस्थली का सेवायतों ने पांच कुंतल दूध, दही, घी, शर्करा, बुरा व जड़ीबूटियों से महाभिषेक किया और आरती उतारी।
मंदिर में मौजूद हजारों भक्तों ने आज बधाई निधिवन जी में, जन्मे बांकेबिहारी निधिवन जी में..।बधाई है, बधाई है बांकेबिहारी जी बधाई है.. और कुंजबिहारी श्रीहरिदास.. की गूंज से वातावरण गुंजायमान हो उठा। करीब एक घंटे चले महाभिषेक के बाद शुरू हुआ बधाई का सिलसिला। मंदिर में बधाई गायन और बांकेबिहारी के जन्मोत्सव की खुशी में भक्तों ने जमकर धमाल मचाया।