पति ने दिया साथ..शादी के बाद आइएएस अफसर बनीं काजल
भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में 28वीं रैंक लेकर काजल ने कामयाबी की नई इबारत लिखी है। शादी के तीन साल बाद उन्होंने यह सफलता हासिल की। फिलहाल वह मल्टीनेशनल कंपनी में करीब 23 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर थीं। समाजसेवा का जज्बा लिए काजल ने आइएएस बनने की ठानी और सफल हुईं।
जासं, मेरठ : भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में 28वीं रैंक लेकर काजल ने कामयाबी की नई इबारत लिखी है। शादी के तीन साल बाद उन्होंने यह सफलता हासिल की। फिलहाल वह मल्टीनेशनल कंपनी में करीब 23 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर थीं। समाजसेवा का जज्बा लिए काजल ने आइएएस बनने की ठानी और सफल हुईं।
श्रद्धापुरी फेज दो की रहने वाली काजल जावला इस समय गुरुग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। वर्ष 2016 में उनकी रोहतक निवासी आशीष मलिक से शादी हुई थी। आशीष दिल्ली में अमेरिकी एंबेसी में कार्यरत हैं। घर और नौकरी दोनों में तालमेल बिठाते हुए काजल ने तैयारी जारी रखी और ऑल इंडिया में 28वीं रैंक हासिल कर बचपन के सपने को पूरा किया। 30 वर्षीय काजल ने 10वीं तक की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस कंकरखेड़ा से की थी। 12वीं डीएमए से की। मथुरा से इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन में बीटेक करने के बाद कुछ समय विप्रो में नौकरी की। कई साल से वह गुरुग्राम में कार्यरत हैं। शुरू से टॉपर रहीं काजल के पिता सतेंद्र कुमार पराग डेयरी से क्षेत्रीय पर्यवेक्षक के पद से रिटायर हैं। मां सुनीता गृहणी हैं। काजल ने पिता और पति की प्रेरणा से अपनी तैयारी को जारी रखा। हर दिन पिता से अपनी तैयारी को लेकर चर्चा करतीं रहीं। नौकरी के साथ सेल्फ स्टडीज कर काजल ने यह रैंक हासिल की। इंटरव्यू में विशेषज्ञ पैनल ने काजल ने उनके अच्छे पैकेज की नौकरी छोड़ने का कारण पूछा था। काजल के पिता सतेंद्र ने बताया कि वह शुरू से होशियार रहीं। शादी से पहले बगैर तैयारी के प्री की परीक्षा पास की थी। इंटरव्यू में जाने के समय उन्हें भरोसा था कि वह सफलता हासिल करेगी। उम्मीद टॉप-10 में आने की थी। सतेंद्र की बड़ी बेटी लेक्चर हैं। छोटा बेटा बी-फार्मा में है। शादी के बाद भी बेटी को आइएएस अफसर बनते देखकर पूरा परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहा है। यूपीएससी में अवंतिका की 468वीं रैंक
मेरठ: भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में अवंतिका सिंह की 468वीं रैंक आई है। मूलत: बुलंदशहर की रहने वाली अवंतिका का परिवार अब रेल बिहार शताब्दीनगर मेरठ में रहता है। अवंतिका के पिता भारत सिंह रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला पंजाब में सीनियर ईडीपी मैनेजर हैं। अवंतिका की पूरी पढ़ाई बाहर हुई है। वर्ष 2016 में उसने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीई की डिग्री की पढ़ाई की थी।