.. तो फिर तहसील प्रशासन ने ली 'स्माइल पिकी' के गांव की सुधि
जागरण संवाददाता चुनार (मीरजापुर) आस्कर अवार्ड से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिकी
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : आस्कर अवार्ड से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म 'स्माइल पिकी' को लेकर दैनिक जागरण ने प्रथम पेज पर खबर- मुरझा गई 'स्माइल पिकी' की मुस्कान के तहत चुनार तहसील क्षेत्र के रामपुर ढबही गांव में रहने वाली पिकी की दर्द व समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। इसे संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने चुनार तहसीलदार अरुण कुमार गिरि को पिकी के गांव भेजा। तहसीलदार ने पिकी के घर वालों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही शासन की ओर से पिकी को मिले तीन बीघा भूमि पर मुकदमे को मौके पर ही सुलझाया।
जिलाधिकारी के निर्देश पर शुकवार की दोपहर तहसील के राजस्व कर्मियों के साथ तहसीलदार ने रामपुर ढबही गांव पहुंचकर पिकी के माता-पिता से बातचीत की। इसके बाद पिकी को आवंटित की गई भूमि का मौका मुआयना किया। तहसीलदार ने विपक्षी को भी बुलाया और उससे भी पूछताछ की। तहसीलदार ने 'दैनिक जागरण' को बताया कि पिकी को मिनजुमला आराजी नंबर 947/74 में तीन बीघा भूमि आवंटित की गई थी। जबकि जिसने उसके विरुद्ध वाद दायर किया है, उसकी भूमि आराजी नंबर 980/12 में है। इसकी जानकारी भी दोनों पक्षों को दी गई और मौके पर सीमांकन भी कराया गया। पिकी के पिता राजेंद्र सोनकर ने तहसीलदार चुनार को बताया कि आवंटित भूमि पर वह काबिज हैं और खेती-बारी भी कर रहे हैं। तहसीलदार ने उनकी अन्य समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। स्कूल जाने की वजह से घर पर नहीं मिली पिकी
तहसीलदार जब रामपुर ढबही पहुंचे तो पिकी अहरौरा स्थित अपने स्कूल गई थी। तहसीलदार ने फोन पर पिकी का हाल-चाल पूछा। तहसीलदार ने बताया कि पिकी ने अवगत कराया कि स्माइल ट्रेन द्वारा पिकी के खाते में दस हजार रुपये प्रतिमाह भेजा जाता है। बैंकों के मर्जर और आइएफएससी कोड के कारण पिछले दो माह से रुपये नहीं आ रहे थे। वर्शन
जिलाधिकारी के निर्देश पर स्माइल पिकी के गांव रामपुर ढबही जाकर आवंटित भूमि के बारे में पूछताछ की गई। इस पर राजेंद्र सोनकर ने बताया कि आवंटन के बाद से ही वह ही भूमि पर काबिज हैं और खेती-बारी करते हैं। मौके पर मौजूद विपक्षी के समस्या का भी समाधान किया गया।
- अरुण कुमार गिरि, तहसीलदार, चुनार।