Banke Bihari: बांके बिहारी कॉरिडोर पर बड़ा अपडेट, HC में सरकार ने कहा- पैसा भगवान का... उपयोग में लाया जा सकता है
Big update on Banke Bihari Corridor - मथुरा वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में मथुरा के निवासियों ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। बुधवार को मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। Big update on Banke Bihari Corridor - मथुरा, वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले में मथुरा के निवासियों ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है।
बुधवार को मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली। इस दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि वह बांके बिहारी मंदिर गलियारा (कॉरिडोर) (Banke Bihari Corridor) वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज बनाना चाहती है। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
पैसा भगवान का है… कॉरिडोर बनाया जा सकता है
सरकार (UP Government) की तरफ से कहा गया कि वह विराजमान भगवान के नाम से मंदिर में पूजा पाठ व दान में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, परंतु पैसा भगवान का है और उसे भगवान के लिए कॉरिडोर बनाने में उपयोग में लाया जा सकता है। मंदिर का पैसा परिसर से बाहर भी विकास कार्य में लगाया जा सकता है और इस पर सेवायत का कोई अधिकार नहीं है।
कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन सरकार भगवान के नाम से खरीदेगी। इसी प्रकार काशी विश्वनाथ मंदिर का विकास किया गया है। बहस के दौरान और सेवायतों व राज्य सरकार की तरफ से पुरानी दलीलें पेश करते हुए एक दूसरे का विरोध किया गया।
मैनेजमेंट में सरकार नहीं चाहती दखल
सरकार की तरफ से दोहराया गया कि हम सिर्फ चढ़ावे व चंदे की रकम से कॉरिडोर का निर्माण करना चाहते हैं। यह श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए जरूरी है। मंदिर के मैनेजमेंट में सरकार किसी तरह दखल नहीं देना चाहती है। मंदिर से जुड़े लोगों के सभी अधिकार पहले जैसे रहेंगे।
मंदिर से जुड़े लोगों का पक्ष
मंदिर से जुड़े लोगों ने कॉरिडोर का विरोध नहीं किया, किंतु कहा कि सरकार इसके लिए मंदिर का पैसा न ले। सरकार, कॉरिडोर के नाम पर वृंदावन की कुंज गली व अन्य पौराणिक स्थलों का स्वरूप बिगाड़ना चाहती है। मंदिर को परंपरा के मुताबिक ही चलते रहने देना चाहिए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा की मांग
मथुरा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अनंत शर्मा व मधु मंगलदास के साथ ही अन्य ने याचिका दाखिल कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा की मांग की है। अनियंत्रित भीड़ के कारण मौतों का हवाला दिया है। सेवायतों को याचिका में पक्षकार बनाने की अर्जी के औचित्य पर सवाल उठाया है।
गोस्वामियों व श्री बांके बिहारी ठाकुर जी विराजमान सहित अन्य लोगों को पक्षकार बनाने के मुद्दे पर कोर्ट (Allahabad High Court) फैसला सुनाएगी। इनकी तरफ से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति करते हुए इसे खारिज करने की मांग की गई है।