मीटर में चिप लगाकर आधे से भी कम कर दिया बिल, बिजली चोरों की इस ट्रिक से विभाग हैरान, पकड़ना हो रहा मुश्किल
UP News - मीटर लगने के पांच माह तक इनका बिल 15 हजार से 40 हजार से अधिक तक प्रतिमाह आता था लेकिन कई माह से यह आधे से भी कम हो गया था। दो दिन पहले एसडीओ के नेतृत्व में उपखंड व मीटर सेक्शन की टीम ने इन उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर मीटरों की जांच की तो उसमें गड़बड़ी का संदेह हुआ।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्मार्ट मीटरों की रफ्तार पर ब्रेक लगाकर बिजली चोरी का मामला फिर पकड़ में आया है। मीटर में शंट लगे मिले हैं। प्रयोगशाला में अभी तक दो मीटरों की जांच में यह उपकरण मिला है, जबकि अन्य मीटरों की जांच दशहरे के बाद होगी।
करैलाबाग उपखंड के एसडीओ एबी यादव ने नूरुल्ला रोड, करैलाबाग, जीटीबी नगर में स्मार्ट मीटर के पांच किलोवाट से अधिक के उपभोक्ताओं की सूची निकलवाई। जनवरी से सितंबर तक कितनी यूनिट का भुगतान किया गया है, उसे देखा गया। वर्ष 2022 के भी कुछ माह के बिजली के बिल निकलवाए गए। इसमें 120 उपभोक्ताओं में 28 संदिग्ध मिले।
आधे से भी कम हो गया बिजली बिल
मीटर लगने के पांच माह तक इनका बिल 15 हजार से 40 हजार से अधिक तक प्रतिमाह आता था, लेकिन कई माह से यह आधे से भी कम हो गया था। दो दिन पहले एसडीओ के नेतृत्व में उपखंड व मीटर सेक्शन की टीम ने इन उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर मीटरों की जांच की तो उसमें गड़बड़ी का संदेह हुआ। जिस पर मीटरों को कब्जे में ले लिया गया। प्रयोगशाला में दो मीटरों की जांच की गई तो उसने शंट लगा पाया गया। इसकी वीडियो रिकार्डिंग की गई।
शंट लगाकर स्मार्ट मीटरों की गति बेहद धीमी कर दी जाती है। इससे बिजली आपूर्ति होती रहती है, लेकिन मीटर धीमा चलने की वजह से 50 यूनिट बिजली खर्च होने पर चार-पांच यूनिट ही रीडिंग बनती है। यह मामला बिजली चोरी करने की श्रेणी में आता है।
-उपखंड अधिकारी, एबी यादव।
चिप नुमा उपकरण होता है शंट
शंट चिप नुमा उपकरण होता है। इसे मीटर के भीतर लगाया जाता है। जांच में बाहर से मीटर ठीक नजर आता है। वह चालू हालत में भी होता है। सभी तार सही लगे रहते हैं, लेकिन जब इसे खोला जाता है, तब पता चलता है कि क्वायल के पास इसे लगाकर मीटर की गति को धीमा किया गया है।
सिर्फ स्मार्ट मीटर में ही किया जाता है उपयोग
शंट सिर्फ स्मार्ट मीटर में ही लगाया जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक मीटर में नहीं लग सकता। एक बार अगर मीटर में शंट लग गया तो जब भी मीटर को खोला जाएगा, इसमें की गई गड़बड़ी पकड़ में आ जाएगी। यही वजह है कि शंट लगाने वाले स्मार्ट मीटरों को शार्ट सर्किट कर जला देते हैं, ताकि किसी प्रकार साक्ष्य न मिले।
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