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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे लड्डू गोपाल, गेट पास हुआ जारी; उम्र लिखी थी...

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्ति मामले की निर्धारित सुनवाई स्थगित कर दी है। अगली सुनवाई अब 11 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा भगवान श्रीकृष्ण विराजमान विग्रह रूप में कोर्ट में उपस्थित थे। उनके लिए हाई कोर्ट प्रशासन की तरफ से गेट पास भी जारी किया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Mon, 18 Dec 2023 09:01 PM (IST)
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विग्रह रूप में कोर्ट में मौजूद रहे लड्डू गोपाल (File Photo)

विधि संवाददाता, प्रयागराज। सोमवार को सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा भगवान श्रीकृष्ण विराजमान विग्रह रूप में कोर्ट में उपस्थित थे। उनके लिए हाई कोर्ट प्रशासन की तरफ से गेट पास भी जारी किया गया था। इस पास में उनकी उम्र शून्य अंकित थी।

मुख्य वादी/ पक्षकार (मुकदमा नंबर चार) सिद्धपीठ माता शाकुम्भरी पीठाधीश्वर भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय, अध्यक्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा अपने साथी के रूप में लड्डू गोपाल को लेकर साथ आए थे।

लडडू गोपाल के लिए यह पास प्रयागराज निवासी श्रीकृष्ण सेना के प्रदेश मंत्री ओम शुक्ला के आधार कार्ड तथा फोन नंबर पर बनवाया गया था। आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि इससे पहले वह मथुरा में कोर्ट के आदेश पर विग्रह लेकर आठ फरवरी को उपस्थित हुए थे।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सर्वे को कोर्ट कमिश्नर नियुक्ति की रूपरेखा अब 11 को होगी तय

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्ति मामले की निर्धारित सुनवाई स्थगित कर दी है। अगली सुनवाई अब 11 जनवरी को होगी।

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव व अन्य के सिविल वाद की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के समक्ष मस्जिद पक्ष ने अर्जी दाखिल कर बताया कि 14 दिसंबर 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की सुनवाई की तारीख नौ जनवरी तय है।

इसलिए इस केस की सुनवाई तब तक के लिए स्थगित की जाए। यह भी कहा गया कि विपक्षी अधिवक्ता महमूद प्राचा बहस के लिए आज उपलब्ध नहीं हैं इसलिए सुनवाई रोकी जाए। वादी अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पक्ष रखा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्थगनादेश जारी नहीं किया है।

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता और नसईरूज्जमा ने स्वीकार किया कि स्थगनादेश नहीं है, मगर महमूद प्राचा उपस्थित नहीं हैं, इसलिए सुनवाई स्थगित की जाए। इस पर कोर्ट कोर्ट ने 11 जनवरी को सुनवाई तय की है।

विपक्षी की तरफ से अर्जी दाखिल कर कुछ प्रस्ताव पेश किया गया और कहा कि इस अर्जी की भी सुनवाई की जाए। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कोर्ट कमीशन मंजूर कर लिया था। मंदिर पक्ष इस निर्णय को काफी महत्वपूर्ण मान रहा है। उसका कहना है कि कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराने पर उसके दावे के पक्ष में तमाम तथ्य सामने आएंगे। कुल 18 केस इलाहाबाद हाई कोर्ट सुन रहा है।