UP News: अवैध निर्माण का वीडियो वायरल, महापौर ने अपने घर का चबूतरा तोड़ा; पढ़ें पूरा मामला
कीडगंड में महापौर के चबूतरे के अवैध हिस्से को बिना तोड़े आगे बढ़ गई पीडीए की टीम ने जमकर किरकिरी कराई। अपने मकान के तोड़े जाने से नाराज स्थानीय लोगों ने इस मामले को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया तो मामला तूल पकड़ गया। आखिरकार अपनी फजीहत होते देख महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने शनिवार को स्वयं अपने चबूतरे के अवैध हिस्से को हथौड़ा से तोड़ डाला।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कीडगंड में महापौर के चबूतरे के अवैध हिस्से को बिना तोड़े आगे बढ़ गई पीडीए की टीम ने जमकर किरकिरी कराई। अपने मकान के तोड़े जाने से नाराज स्थानीय लोगों ने इस मामले को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया तो मामला तूल पकड़ गया।
महापौर ने खुद तोड़ा चबूतरा
आखिरकार अपनी फजीहत होते देख महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने शनिवार को स्वयं अपने चबूतरे के अवैध हिस्से को हथौड़ा से तोड़ डाला। यह प्रकरण लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया।
महाकुंभ के लिए सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाना है। इसकी जद में कई मकान आ रहे हैं, उसी में कीडगंज स्थित महापौर के मकान का चबूतरा भी आ गया है। दो दिन पहले जब प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम कीडहगंज पहुंची तो जद में आ रहे मकानों के अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू किया। यह टीम जब महापौर गणेश केसरवानी के घर के सामने पहुंची तो उनके मकान के चबूतरे को छोड़ आगे बढ़ गई।
महापौर की किरकिरी शुरू हो गई
वहीं जिनके मकान तोड़े गए थे, वे विरोध करने लगे। उनका कहना था कि महापौर के मकान का अवैध हिस्सा नहीं तोड़ा गया, जबकि दोहरे मापदंड के तहत उनका मकान तोड़ दिया गया। इसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने इस मामले को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया। उस पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया होने लगी। इस तरह से महापौर की किरकिरी शुरू हो गई।
यह मामला तूल पकड़ता देख महापौर ने शनिवार को स्वयं हथौड़े से अपने घर के चबूतरे के अवैध हिस्से को तोड़ दिया। इस दौरान लोगों की भीड़ जुट गई, कई लोग इसका भी वीडियो बनाने लगे और इसे भी सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
महापौर ने अपने घर के चबूतरे को हथौड़े से तोड़ डाला
मैंने पीडीए को पहले ही बताया था कि जब सड़क चौड़ीकरण के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करें तो सबसे पहले मेरे घर के अवैध हिस्से को तोड़ेंगे। इसके बाद भी पीडीए की टीम मेरे घर को छोड़ आगे बढ़ गई। यह उनकी नासमझी है। मैं चेन्नई गया था, वहां से वापस आने के बाद सबसे पहले मैंने स्वयं हथौड़े से अपने घर के चबूतरे को हथौड़े से तोड़ डाला। हम हों या शहर का कोई भी नागरिक अगर सड़क के किनारे अतिक्रमण करता है तो जनहित में उसे स्वयं समाप्त कर देना चाहिए।