UP News: पापा नहीं दे सके स्कूल की फीस तो टीचर ने परीक्षा से रोका; पिता के साथ आई बिटिया के निकले आंसू
Saharanpur News स्कूल में फीस जमा नहीं थी तो बिटिया को परीक्षा देने से रोकने की जानकारी मिली थी। बाद में अधिकारी के समक्ष अभिभावक ने प्रार्थना पत्र देकर स्कूल प्रशासन से फीस जमा कराने के लिए थोड़ा समय मांगा जिसे स्कूल ने स्वीकार कर लिया। हालांकि इससे पहले ही स्कूल द्वारा छात्रा को परीक्षा में शामिल करा लिया गया था।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। गुरुतेग बहादुर पब्लिक स्कूल में पढ़ रही बिटिया की बकाया फीस जमा कराने में पापा असमर्थ रहे। सोमवार से शुरू हुई अर्द्धवार्षिक परीक्षा में शामिल होने से टीचर ने रोक दिया था। पिता के साथ ही आई बिटिया के यह सुनकर आंसू निकल गए।
घटना की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद बीएसए ने नगर शिक्षा अधिकारी को स्कूल पहुंचकर जांच के निर्देश दिए। सोमवार को पटेल नगर स्थित स्कूल में किशनपुरा निवासी अभिभावक खेमराज, स्कूल में कक्षा-5 में पढ़ने वाली बिटिया के साथ गए थे।
फीस जमा नहीं होने पर उसे परीक्षा से रोका
स्कूल काउंटर से टीचर द्वारा बताया गया कि छात्रा की मई से फीस जमा नहीं है, इसलिए उसे परीक्षा में शामिल नहीं कराया जा सकता। इसी दौरान किसी ने रोती हुई छात्रा की वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसए कोमल ने नगर शिक्षा अधिकारी को सोमवीर सिंह को स्कूल में जांच के लिए भेजा। नगर शिक्षा अधिकारी सोमवीर सिंह ने स्कूल में कुछ विद्यार्थियों से बातचीत की, लेकिन अधिक कुछ पता नहीं चल सका। बाद में छात्रा के पिता खेमराज को बुलवाया गया।
स्कूल में तीन बच्चे पढ़ते हैं
पूछताछ करने पर खेमराज ने बताया कि उनके तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, एक बच्चे की पूरी फीस माफ है। दो बच्चों की अप्रैल के बाद की फीस बकाया है। बाद में खेमराज ने बकाया फीस जमा कराने के लिए थोड़ा और समय दिए जाने का अनुरोध किया। स्कूल प्रशासन ने इस पर अपनी सहमति दे दी। इससे पहले ही स्कूल द्वारा छात्रा को परीक्षा में शामिल करा लिया गया था।
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परीक्षा से नहीं निकालने के लिए कहा
स्कूल में उनके समक्ष अभिभावक ने बकाया फीस होने की बात स्वीकारी। अभिभावक के फीस जमा कराने के अनुरोध को स्कूल प्रशासन ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। स्कूल को निर्देशित किया गया कि किसी भी बच्चे को इस प्रकार से स्कूल अथवा परीक्षा से न निकाला जाए, वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर बीएसए को सौंपेंगे। यह स्कूल वित्तविहीन संचालित है। -सोमवीर सिंह, नगर शिक्षा अधिकारी।
अभिभावक के तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, एक की पूरी फीस माफ की गई है। दो बच्चों की फीस अप्रैल के बाद से बकाया थी। कई बार अभिभावक और बच्चे को फीस जमा कराने के लिए कहा गया था। छात्रा को परीक्षा में शामिल करा लिया गया। अभिभावक को फीस जमा कराने के लिए उनके अनुरोध पर थोड़ा समय दिया गया है। -स.इन्द्रपाल सिंह, प्रधानाचार्य गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल।
दो बच्चों की फीस बकाया थी, मैं सुबह स्कूल में यही अनुरोध करने गया था कि फीस जमा कराने को कुछ समय और दे दिया जाए। सोमवार से परीक्षा शुरू हुई थी। परीक्षा से रोके जाने की बात सुनकर बिटिया के आंसू छलक गए। पता नहीं किसी ने वीडियो प्रसारित दी। - खेमराज, अभिभावक