'पापा मैंने मम्मी का सिर काटकर कुएं में फेंक दिया'- पिता ने थाने में दर्ज कराया मुकदमा- अब कोर्ट ने सुनाई यह सजा
Sultanpur News in Hindi सहायक शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर शुक्ल ने बताया कि एफआइआर सुकई विश्वकर्मा ने जयसिंहपुर कोतवाली में लिखाई थी। वादी के अनुसार उसकी पत्नी राम लली के पेट में दर्द था जिसकी दवा लेने वह एक जनवरी 2014 को बाजार गए थे। शाम करीब छह बजे घर वापस आए तो पुत्र महेन्द्र विश्वकर्मा खून से लथपथ दिखा।
संसू, सुलतानपुर : जिस मां ने नौ महीने गर्भ में रखा। पाल-पोशकर बड़ा किया। बेटे ने महज इसलिए उसी का सिर काटकर कुएं में फेंक दिया, क्योंकि पेट खराब होने की वजह से उसे दस्त आ रही थी। हत्यारे बेटे के खिलाफ पिता ने गवाही दी। इस पर दोषी को एडीजे जलाल मोहम्मद अकबर ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। घटना जयसिंहपुरखुर्द गांव में दस साल पहले हुई थी।
साल 2014 का है मामला
सहायक शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर शुक्ल ने बताया कि एफआइआर सुकई विश्वकर्मा ने जयसिंहपुर कोतवाली में लिखाई थी। वादी के अनुसार उसकी पत्नी राम लली के पेट में दर्द था, जिसकी दवा लेने वह एक जनवरी 2014 को बाजार गए थे। शाम करीब छह बजे घर वापस आए तो पुत्र महेन्द्र विश्वकर्मा खून से लथपथ दिखा। पत्नी के शरीर का हिस्सा रजाई में लिपटा पड़ा था।
सिर काटकर कुएं में फेंक दिया था
पूछने पर बेटे ने बताया कि उसने सिर काटकर कुएं में फेंक दिया है। सुकई के शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गए। पूछने पर महेन्द्र ने बताया कि पेट खराब होने के कारण उसकी मां बार-बार नल के पास शौच कर देती थी, जिसे साफ करते-करते वह परेशान हो गया था, तभी गला काटकर मार डाला। रात में ही पुलिस आ गई।कटे सिर को कुएं से निकाला और महेन्द्र को जेल भेज दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दस साल तक आरोपित जेल में ही रहा। अभियोजन की ओर से कुल सात गवाह न्यायालय में पेश कराए गए। साक्ष्यों के आधार पर जज ने दोषी को हत्या कर साक्ष्य छिपाने के मामले में सजा सुनाई।
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