प्रशासन पहुंचा स्माइल पिंकी के गांव, मीरजापुर के चुनार इलाके में सुलझाया जमीन का विवाद
आस्कर अवार्ड से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिंकी को लेकर दैनिक जागरण ने पिंकी की दर्द व समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। इसे संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने चुनार तहसीलदार अरुण कुमार गिरि को पिंकी के गांव भेजा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। आस्कर अवार्ड से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिंकी को लेकर दैनिक जागरण ने पिंकी की दर्द व समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। इसे संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने चुनार तहसीलदार अरुण कुमार गिरि को पिंकी के गांव भेजा। तहसीलदार ने पिंकी के घर वालों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। राजस्व कर्मियों के साथ तहसीलदार ने रामपुर ढबही गांव पहुंचकर पिंकी के माता-पिता से बातचीत की। इसके बाद पिंकी को आवंटित की गई तीन बीघा भूमि का मौका मुआयना किया।
तहसीलदार ने दूसरे पक्ष को भी बुलाया और उससे भी पूछताछ की। तहसीलदार ने बताया कि पिंकी को मिनजुमला आराजी नंबर 947/74 में तीन बीघा भूमि आवंटित की गई थी। जबकि जिसने उसके विरुद्ध वाद दायर किया गया है, उसकी भूमि आराजी नंबर 980/12 में है। इसकी जानकारी भी दोनों पक्षों को दी गई और मौके पर सीमांकन भी कराया गया। पिंकी के पिता राजेंद्र सोनकर ने तहसीलदार चुनार को बताया कि आवंटित भूमि पर वह काबिज हैं और खेती-बारी भी कर रहे हैं। तहसीलदार ने उनकी अन्य समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। इसके साथ समस्याओं का जल्द ही निकारण किया जाएगा।
स्कूल जाने की वजह से घर पर नहीं मिली पिंकी
तहसीलदार जब रामपुर ढबही पहुंचे तो पिंकी अहरौरा स्थित अपने स्कूल गई थी। तहसीलदार ने फोन पर पिंकी का हाल-चाल पूछा। तहसीलदार ने बताया कि पिंकी ने अवगत कराया कि स्माइल ट्रेन द्वारा पिंकी के खाते में दस हजार रुपये प्रतिमाह भेजा जाता है। बैंकों के मर्जर और आइएफएससी कोड के कारण पिछले दो माह से रुपये नहीं आ रहे थे।
आवंटन के बाद से ही वह भूमि पर काबिज है और खेती-बारी करता है
राजेंद्र सोनकर ने बताया कि आवंटन के बाद से ही वह भूमि पर काबिज है और खेती-बारी करता है। मौके पर मौजूद विपक्षी के समस्या का भी समाधान किया गया।
-अरुण कुमार गिरि, तहसीलदार, चुनार।