Smuggling Exposed: शातिर तस्करी का सनसनीखेज खुलासा- बनारस से चला अचार-मुरब्बा पटना पहुंचते ही बन जाता है शराब
Smuggling Exposed News in Hindi- खुलासे ने पुलिस आबकारी विभाग की सक्रियता के साथ इंटेलिजेंस टीम की कमजोरी को भी उजागर करके रख दिया है। कार्रवाई सिगरा पुलिस ने जरूर संयुक्त रूप से की है लेकिन शराब तस्करों में खौफ एसटीएफ का ही नजर आ रहा। बहरहाल सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता: वाराणसी से पटना के बीच 50 लाख रुपये की शराब तस्करी होती है। तस्कर अचार और मुरब्बा के नाम पर शराब की पेटियां पटना के लिए बुक करते थे। शराब की पेटियों को थर्माकोल से पैक कर बोरे से कवर किया जाता, जिससे किसी को शक न होने पाए। गहराई से छानबीन हुई तो कई आरोपियों के इतर सफेदपोश, लाइसेंसियों के नाम सामने आएंगे।
इस खुलासे ने पुलिस, आबकारी विभाग की सक्रियता के साथ इंटेलिजेंस टीम की कमजोरी को भी उजागर करके रख दिया है। कार्रवाई सिगरा पुलिस ने जरूर संयुक्त रूप से की है, लेकिन शराब तस्करों में खौफ एसटीएफ का ही नजर आ रहा। बहरहाल, सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
मामा-भांजे मिलकर चला रहे थे धंधा
गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हुई तो पता चला कि सरकारी गोदाम से शराब निकालकर जैतपुरा गोदाम पहुंचाई जा रही थी। अभी तक की जांच में जितेंद्र सेठ, रणविजय शर्मा, अरविंद जायसवाल तस्करी के सूत्रधार बनकर सामने आए हैं।
औरंगाबाद के रणविजय का एक ट्रांसपोर्ट ऑफिस वाराणसी के सिगरा तो दूसरी शाखा पटना में है। पटना का ट्रांसपोर्ट कारोबार रणविजय का भांजा सोनू देखता है। जितेंद्र सोनू के जरिए ही शराब की पेटियां पटना मंगाता था।
700 रुपये की व्हिस्की 28 सौ में बिकती है
यह भी पता चला है कि जितेंद्र की सेटिंग के कारण ही सरकारी गोदाम से अनवरत शराब निकल पा रही थी। दो सौ रुपये अतिरिक्त देकर धंधा होता था। लाइसेंसियों के कारोबार में शामिल होने से भी इनकार नहीं किया जाता है, क्योंकि वाराणसी में सात सौ रुपये की व्हिस्की पटना पहुंचकर 2800 में बिकती है।
हवाला के जरिए भेजे जाते रुपये
शराब तस्करी से हो रही अकूत कमाई को सरकारी एजेंसियों से छिपाने के लिए रुपये हवाला के जरिए भेजे जाते थे। बस और ट्रेन के जरिए नकदी लेकर कुरियर वाराणसी पहुंचाते हैं।
हरियाणा की शराब का मूल्य दस गुना अधिक
वाराणसी परिक्षेत्र के डीआईजी अखिलेश चौरसिया ने बताया कि परिक्षेत्र के तीनों जिलों चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर में निगरानी बढ़ाने संग शराब तस्करी के जड़ पर प्रहार करने की रणनीति बनाई है। हरियाणा से बिहार भेजी जाने वाली सात से आठ लाख रुपये की शराब बिहार में पहुंचकर 70 से 80 लाख रुपये की हो जाती है। ऐसे में तस्करों को शराब पकड़े जाने का भी भय नहीं होता है। अब हम करियर के साथ उन तस्करों पर भी कानून का शिकंजा कसने जा रहे हैं। निश्चित मानिए शराब तस्करी पर रोक लगेगी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
एसटीएफ के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने हुकुलगंज निवासी अरविंद जायसवाल, मुनारी चौबेपुर के बृजेश सिंह उर्फ गोलू , रतन कुमार, अहलादपुर बेहरी खानपुर गाजीपुर के मनोहर यादव, कोठिया, औरंगाबाद, बिहार के रणविजय शर्मा, पटना के सोनू शर्मा, खालसा अचार भंडार के मालिक जितेंद्र सेठ के खिलाफ मुकदमा कराया है।
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