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Haridwar News : अपहृत 8 माह के बच्चे को पुलिस ने सकुशल किया बरामद, पड़ोस की महिलाओं का ही निकला हाथ

Haridwar News हरिद्वार से शनिवार को अपहृत 8 माह के बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। ज्वालापुर में दिनदहाड़े आठ माह के मासूम का अपहरण करने के मामले में आखिरकार पड़ोस की महिलाओं का हाथ निकला।

By Anoop kumar singhEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 11 Dec 2022 02:58 PM (IST)
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Haridwar News : अपहृत 8 माह के बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद

टीम जागरण, हरिद्वार : Haridwar News :  ज्वालापुर में दिनदहाड़े आठ माह के मासूम का अपहरण करने के मामले में आखिरकार पड़ोस की महिलाओं का हाथ निकला।

पुलिस ने पड़ोस में रहने वाली मां-बेटी, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व आशा सहित पांच महिलाओं और व्यापारी दंपती को गिरफ्तार करते हुए मासूम को सकुशल बरामद कर लिया।

व्यापारी और उसकी पत्नी ने ढाई लाख रुपये में बच्चे का सौदा किया था। वहीं पुलिस ने एडवांस के तौर पर दी गई 50 हजार की रकम भी बरामद की है। डीआइजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के साथ जिला पुलिस मुख्यालय पर इस मामले का पर्दाफाश किया।

ज्वालापुर के मोहल्ला कड़च्छ निवासी रविंद्र की पत्नी राखी शनिवार को कपड़े सुखाने छत पर गई थी। इसी दौरान घर में सो रहा उनका आठ माह का बेटा शिवांग गायब हो गया था। सूचना मिलते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया और राजधानी देहरादून तक जा पहुंचा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने खुद मिशन की कमान संभाली।

आला पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस व एसओजी की अलग-अलग टीमों ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के साथ ही बच्चा चोर गिरोह की कुंडली खंगाली। मुखबिर तंत्र को भी अलर्ट किया गया था। 24 घंटे की भागदौड़ के बाद आखिरकार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी।

डीआइजी गढ़वाल करन सिंह नग्नयाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पीड़ित के पड़ोस में रहने वाली सुषमा, उसकी समधन अनीता और अनिता की मुंहबोली बेटी किरन, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता आशा निवासीगण कड़च्छ, आशा रूबी निवासी सीतापुर ज्वालापुर, बच्चा लेने वाले व्यापारी संजय व उसकी पत्नी पारुल निवासीगण श्यामपुर कांगड़ी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ऐसे किया मासूम का अपहरण

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि अपर रोड पर कपड़े की दुकान चलाने वाला संजय निसंतान है। कुछ समय पहले तक वह एक निजी अस्पताल में काम करता था।

वहीं उसकी जान-पहचान आशा रूबी से हुई थी। संजय ने रूबी से बच्चा दिलाने के लिए कहा था। रूबी ने अपनी जानकार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता आशा से इस बारे में बात की। आशा ने पड़ोस में रहने वाली सुषमा से जिक्र किया और कहा कि बच्चा मिल जाए तो अच्छी रकम भी मिल सकती है।

इस पर सुषमा के मन में लालच आ गया और उसने पड़ोस में रहने वाली अपनी समधन अनीता व उसकी मुंह बोली बेटी किरन के साथ मिलकर उसी गली में रहने वाले रविंद्र और राखी के मासूम बेटे शिवांग के अपहरण का ताना-बाना बुना। चूंकि रविंद्र का घर किरन के घर से बिलकुल सटा हुआ था, इसलिए मौका लगते ही वह बच्चे को उठा कर लाई और सुषमा को सौंप दिया। सुषमा बच्चे को लेकर जटवाड़ा पुल पहुंची और किरन की मुंहबोली मां अनिता को सौंप दिया।

फिर सुषमा व अनिता ने रूबी और आशा को बताया कि काम हो गया है, ग्राहक को बुला लीजिए। जगह तय होने पर बहादराबाद क्षेत्र के बढेडी राजपूतान स्थित एक पेट्रोल पंप के पास उनकी मुलाकात संजय से हुई। संजय ने बच्चा लेकर 50 हजार रुपये दिए और बाकी दो लाख रुपये बाद में देने का वादा किया। इसके बाद संजय अपनी पत्नी पारुल के साथ बच्चे को हरिपुर कलां स्थित एक गेस्ट हाउस में ले गया।

पर्दाफाश करने पर पुलिस टीम को ईनाम और शाबाशी

जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा था, वैसे-वैसे यह मामला पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा था। लोगों में डर, अफसोस और गुस्सा पनपता जा रहा था। बहरहाल, पुलिस ने 24 घंटे के भीतर न सिर्फ बच्चे को सकुशल बरामद किया, बल्कि सभी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया। डीआइजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने शाबाशी देते हुए टीम को 30 हजार रुपये का ईनाम दिया गया है।

चूंकि घटना बड़ी थी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसका संज्ञान ले चुके थे, इसलिए पुलिस कप्तान अजय सिंह ने घटना के बाद पीड़ित के घर पहुंचकर उसे हिम्मत बंधाई और आपरेशन की कमान खुद संभाली।

एसपी क्राइम रेखा यादव, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह और सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल के निर्देशन में बच्चा बरामद करने वाली पुलिस टीम में ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसओजी इंस्पेक्टर नरेंद्र बिष्ट, ज्वालापुर एसएसआइ अंशुल अग्रवाल, एसओजी प्रभारी हरिद्वार रणजीत तोमर, रेल चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक, रोड़ी बेलवाला चौकी प्रभारी प्रवीण रावत, जगजीतपुर चौकी प्रभारी खेमेंद्र गंगवार, कांस्टेबल निर्मल, अमित गौड़, संदीप आदि की अहम भूमिका रही है।

मीडियाकर्मी नरेश तोमर भी मददगार

मासूम को बरामद करने में पुलिस ने अलग-अलग माध्यमों का सहारा लिया। एक व्यक्ति ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर भी पुलिस को अहम सूचना दी। डीआइजी गढ़वाल करन सिंह नग्नयाल ने प्रेस कान्फ्रेंस में इसकी पुष्टि भी की। वहीं, मीडियाकर्मी नरेश तोमर भी पुलिस के मददगार बने।

अहम सूचना मिलने पर नरेश तोमर भी सबसे पहले मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह से अहम जानकारी साझा की। डीआइजी ने नरेश तोमर सहित पुलिस की मदद करने वालों को पुरस्कृत करने के निर्देश एसएसपी को दिए हैं।