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दो साल में बन जाएगी ओल्ड लिपु तक डबल लेन सड़क, सुगम होगा कैलास मानसरोवर दर्शन; चीन सीमा पर बढ़ेगी मजबूती

Kailas Mansarovar Yatra दो साल में बनकर तैयार हो जाएगी ओल्ड लिपु तक डबल लेन सड़क जिससे कैलास मानसरोवर की यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। 58 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण से न केवल आवागमन आसान होगा बल्कि सामरिक दृष्टि से भी मजबूती मिलेगी और क्षेत्र का आर्थिक विकास भी संभव हो पाएगा। इसके लिए 384 करोड़ रुपये भी स्वीकृत हो चुके हैं।

By ganesh joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 21 Sep 2024 02:50 PM (IST)
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Kailas Mansarovar Yatra: विश्व प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर की यात्रा अब आसान हो जाएगी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Kailas Mansarovar Yatra: विश्व प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर की यात्रा अब आसान हो जाएगी। इसके लिए चीन सीमा पर ओल्ड लिपु तक टू लेन सड़क बनने जा रही है। 58 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण दो वर्ष में पूरा हो जाएगा। इससे जहां आवागमन सुगम हो जाएगा, वहीं सामरिक दृष्टि से मजबूती के साथ ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी संभव हो पाएगा। इसके लिए 384 करोड़ रुपये भी स्वीकृत हो चुके हैं।

शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि चीन सीमा तक सड़क का निर्माण सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इससे चीन सीमा तक कनेक्टिविटी के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। क्षेत्र में सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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वहीं दुर्गम मार्ग होने की वजह से कई लोग यात्रा नहीं कर पाते थे। चीन सीमा तक सड़क चौड़ी होने पर हर कोई आसानी से कैलास मानसरोवर के दर्शन करने जा सकेगा। कैलास मानसरोवर तक सीधे यात्रा शुरू होने तक भारत की योजना ओल्ड लिपु से दर्शन कराने की है।

सौ दिन की उपलब्धियां

उत्तराखंड के विकास में अहम केंद्र सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के बारे में जानकारी देते हुए टम्टा ने कहा कि राज्य में चारधाम परियोजना के तहत केदारनाथ व यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति से हरी झंडी मिल गई है। इससे यमुनोत्री में 25.08 किलोमीटर में टू-लेन चौड़ीकरण का कार्य कराया जा सकेगा।

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इसके अलावा केदारनाथ में शेष 13 किलोमीटर को भी चौड़ा किया जाएगा। इसी चारधाम परियोजना के तहत चंपावत बाईपास का काम होना है। यह 307 करोड़ की परियोजना है। ऋषिकेश बाईपास फोर लेन 10.88 किलोमीटर लंबाई के लिए 1414 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। इसके लिए डीपीआर बनाई जा रही है।

वहीं चारधाम मार्ग पर हो रहे भूस्खलन वाले क्षेत्रों में मरम्मत कार्य के लिए कार्य आवंटित हो चुके हैं। कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से 215 किलोमीटर की नई परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसमें कर्नाटक, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के सड़कों का विस्तार शामिल है।