जब कलकत्ता हाई कोर्ट में रात में हुई सुनवाई, इंडोनेशिया से आए जहाज को हल्दिया बंदरगाह पर रोकने का मिला आदेश; क्या है पूरा मामला?
Calcutta High Court हाईकोर्ट ने आधी रात सुनवाई कर इंडोनेशिया से आए एक जहाज को हल्दिया बंदरगाह पर आगामी आठ अगस्त तक रोककर रखने का आदेश दिया है। जहाज के सोमवार सुबह सात बजे रवाना होने की बात थी। एक पेपर कंपनी ने जहाज प्रबंधन पर क्षतिग्रस्त माल की आपूर्ति करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया था।
जेएनएन, कोलकाता। Calcutta High Court कलकत्ता हाई कोर्ट ने रविवार रात को जरूरी आधार पर सुनवाई कर इंडोनेशिया से आए एक जहाज को हल्दिया बंदरगाह पर आगामी आठ अगस्त तक रोककर रखने का आदेश दिया है। जहाज के सोमवार सुबह सात बजे रवाना होने की बात थी।
पेपर कंपनी ने किया मुकदमा
मालूम हो कि एक पेपर कंपनी ने जहाज प्रबंधन पर क्षतिग्रस्त माल की आपूर्ति करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। कंपनी ने कहा है कि हल्दिया बंदरगाह पर क्षतिग्रस्त माल की आपूर्ति करके जहाज भारत छोड़कर पनामा जा रहा था। इसे नहीं रोके जाने पर उसे कई करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
कंपनी ने आगे कहा कि इंडोनेशिया से यह जहाज गत 25 जुलाई को हल्दिया पहुंचा था। जहाज में 8,000 मीट्रिक टन पेपर था, जिसकी कीमत 54 लाख 22 हजार 356 डालर है। उनमें से 1,312 मीट्रिक टन पेपर क्षतिग्रस्त पाए गए हैं, जिसका भारतीय मुद्रा में मूल्य सात करोड़ 48 लाख 77 हजार 480 रुपये है। कानून के मुताबिक जहाज में सामान के नष्ट होने पर जहाज प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है।
रात नौ बजे बिठाई गई अदालत
मामले पर तुरंत सुनवाई के लिए रात नौ बजे न्यायाधीश अरिंदम मुखर्जी ने अदालत बिठाई। उन्होंने जहाज को हल्दिया बंदरगाह पर आठ अगस्त तक रोकने का आदेश दिया, हालांकि यह भी कहा कि जहाज के अधिकारी अगर उससे पहले जहाज ले जाना चाहते हैं तो अदालत में सात करोड़ रुपये जमा करके ऐसा कर सकते हैं।
हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अगर पेपर कंपनी आगामी आठ अगस्त तक साबित कर देती है कि पेपर के क्षतिग्रस्त होने की जिम्मेदारी जहाज प्रबंधन की है तो आगे की कार्रवाई के लिए जहाज को रोका जा सकता है। नहीं तो जहाज को छोड़ दिया जाएगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।