आइएएस कैडर के नियमों में संशोधन पर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को एक और पत्र लिखकर जताया विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार ने आइएएस (कैडर) नियम 1954 में संशोधन करने जा रही है। संशोधन के प्रस्ताव को लेकर हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आइएएस अफसरों की सूची भेजने को कहा गया है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
By Vijay KumarEdited By: Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:45 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः आइएएस कैडर रूल में संशोधन के फैसले के खिलाफ गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक और पत्र लिख कर विरोध जताया है। साथ ही संसोधन का निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग की है। ममता ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को दो पन्नों का पत्र गुरुवार भेजा। जिसमें उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा आइएएस कैडर रूल में बदलाव को लेकर जो रुख अपनाया है, उस पर मैं कड़ी आपत्ति दर्ज कराती हूं। यह नियम एकतरफा तौर पर अनिवार्य रूप से राज्यों को निश्चित संख्या में आइएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराना होगा।
आइएएस कैडर के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव के साथ केंद्र ने राज्यों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है। ममता ने इसके पहले बीते सप्ताह पीएम मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। बता दें कि केंद्र सरकार ने आइएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन करने जा रही है। संशोधन के प्रस्ताव को लेकर हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आइएएस अफसरों की सूची भेजने को कहा गया है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार यह संशोधन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में पेश करने पर विचार कर रही है। केंद्र ने इसके लिए 25 जनवरी से पहले राज्यों से जवाब मांगा है।
ममता ने कहा है कि आइएएस कैडर नियमों में बदलाव अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए राज्यों को बाध्य करेगा। इससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र का आइएएस कैडर नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधन सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है और केंद्र और राज्यों के बीच लंबे समय से बने सामंजस्यपूर्ण समझौते को बिगाड़ देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आइएएस और आइपीएस अफसरों की पोस्टिंग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मौजूदा व्यवस्था बेहद सामंजस्य और समन्वय वाली है। यह संघवाद की भावना के अनुकूल है, जिसमें बदलाव कतई सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि नए नियमों के बाद राज्यों को अपने यहां प्रशासनिक व्यवस्था की योजना बनाना और उस पर अमल करना मुश्किल हो जाएगा। नए नियम के तहत यद किसी भी आइएएस अधिकारी को दिल्ली तलब किया जाता है तो उसे तत्काल वहां जाना होगा। नहीं जाने पर वेतन से लेकर पेंशन तक बंद रूक सकता है।
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