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Jadavpur University student death: सुवेंदु ने वामपंथी छात्र संगठन की तुलना नक्सलियों से की, दर्ज कराई शिकायत

Jadavpur University student death जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की मौत को लेकर सियासत गरमाई हुई है। 10 अगस्त को वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित रैगिंग के कारण स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की विश्वविद्यालय के छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिरने से हुई मौत हो गई थी। जिसके बाद से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

By Jagran NewsEdited By: Ajay SinghUpdated: Fri, 18 Aug 2023 05:36 PM (IST)
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बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय के बाहर वामपंथी छात्र संगठन रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स फेडरेशन (आरएसएफ) और भाजपा के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच गुरुवार को हुई झड़प व अपने उपर कथित हमले के एक दिन बाद बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने आरएसएफ की तुलना नक्सली संगठन से करते हुए आरोप लगाया है कि उन पर पूर्व नियोजित हमला किया गया।

उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित रैगिंग और यौन शोषण के कारण हाल में जादवपुर विश्वविद्यालय के 18 वर्षीय एक छात्र की मौत के बाद भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी जब गुरुवार शाम को विश्वविद्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे तो आरएसएफ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाते हुए उनका विरोध किया। इसको लेकर भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ आरएसएफ की झड़प हो गई।

आरएसएफ पर सुनियोजित तरीके से हमले का लगाया आरोप

सुवेंदु ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर एक ट्वीट में कहा, जब वह जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के गेट के पास भाजयुमो के प्रदर्शन में भाषण देने के बाद वहां से निकल रहे थे, तो उन पर अज्ञात हमलावरों के एक समूह ने हमला कर दिया, जो प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कट्टरपंथी-वामपंथी संगठन आरएसएफ से जुड़े थे। सुवेंदु ने जादवपुर थाने में दर्ज शिकायत की प्रति भी साझा की।

सुवेंदु ने कहा, हमला उक्त संगठन के सदस्यों की प्रतिक्रिया प्रतीत होता है, जिन्हें यह तथ्य पसंद नहीं आया कि मैंने अपने भाषण में कोई मिलावटी शब्द नहीं बोले और उनके पाखंड को उजागर किया। ये लोग उस समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्र विरोधी और असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बना दिया है। वे सत्ता-विरोधी और अलगाववादी विचारधाराओं को आश्रय देते हैं, वे हमेशा सरकार की आलोचना करते हैं, लेकिन साथ ही छात्रों के रूप में सब्सिडी लाभों का आनंद लेते रहने के लिए औपचारिक जुड़ाव खत्म होने के बाद भी संस्थान से जुड़े रहते हैं।

सुवेंदु का दावा- उनके सुरक्षा कर्मियों के हस्तक्षेप से स्थिति संभली

सुवेंदु ने शिकायत में कहा कि गृह मंत्रालय के आकलन के अनुसार खतरे की आशंका को देखते हुए वह जेड श्रेणी की सुरक्षा के हकदार हैं। उन्होंने दावा किया कि जब वह शांतिपूर्वक नारे लगाते हुए कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल रहे थे तभी अचानक सात-आठ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उन्हें काले झंडे दिखाए गए और हमलावरों ने पथराव भी किया और गलत तरीके से उन्हें अपने वाहन की ओर जाने से रोका, लेकिन उनके सुरक्षा कर्मियों के समय पर हस्तक्षेप से स्थिति संभल गई।

सुवेंदु ने वामपंथी छात्र संगठन की तुलना नक्सलियों से की

 सुवेंदु ने कहा, मुझे पता चला है कि उक्त हमलावर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित नक्सली संगठन आरएसएफ के समर्थक थे। उन्होंने एक वीडियो क्लिप संलग्न करते हुए कहा, हालांकि मैं उनके (हमलावर) नाम नहीं जानता, लेकिन अगर उन्हें मेरे सामने लाया जाएगा तो मैं उन्हें पहचान सकूंगा। वीडियो में घटना के बाद प्रदर्शनकारी मीडिया से बात करते दिख रहे हैं। सुवेंदु ने इस मामले में पुलिस से दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी व कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

सुवेंदु ने इससे पहले झड़प की घटना के बाद कहा कि हम जेएनयू में टुकड़े- टुकड़े गैंग को सबक सिखा चुके हैं। जादवपुर से भी उनका सफाया कर देंगे। बता दें कि छात्र की मौत को लेकर सियासत गरमाई हुई है। 10 अगस्त को वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित रैगिंग के कारण स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की विश्वविद्यालय के छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिरने से हुई मौत हो गई थी। जिसके बाद से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 

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