'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे', मोदी-मोदी के नारे से गूंजा मिस्र; PM Modi से मिलकर मंत्रमुग्ध हुए प्रवासी भारतीय
PM Modi Egypt Visit पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर मिस्र पहुंचे हैं। मिस्र पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काहिरा के एक होटल पहुंचे। पीएम मोदी के स्वागत के लिए रिट्ज कार्लटन होटल में भारतीय समुदाय के कई सदस्य मौजूद थे। यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि मिस्र पारंपरिक रूप से अफ्रीकी महाद्वीप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों में से एक रहा है।
#WATCH | PM Modi inspects Guard of Honour on his arrival at Cairo
In a special honour, the Egyptian PM received the PM at the airport pic.twitter.com/Le8CRB8CJq
— ANI (@ANI) June 24, 2023
भारतीय प्रवासियों से मिले पीएम मोदी
#WATCH | PM Modi receives a warm welcome from members of the Indian community at the hotel in Cairo
PM Modi is on a two-day State visit to Egypt pic.twitter.com/JTy2wqstEz
— ANI (@ANI) June 24, 2023
#WATCH | An Egyptian woman sings 'Yeh Dosti Hum Nahi Todenge' to welcome PM Modi in Cairo pic.twitter.com/Ce4WGcSYhc
— ANI (@ANI) June 24, 2023पीएम मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर मिस्र का दौरा कर रहे हैं। भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में अब्देल फतह अल-सिसी 'मुख्य अतिथि' के रूप में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री यहां अपनी यात्रा के दौरान नेताओं और प्रवासी भारतीयों के साथ विभिन्न कार्यक्रम रखेंगे। वह मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली के साथ एक गोलमेज बैठक भी करेंगे। इसके अलावा, वो वहां के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से भी मिलेंगे।
अल-हकीम मस्जिद जाएंगे पीएम मोदी
इस यात्रा को लेकर ज्यादा जानकारी देते हुए मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने शुक्रवार को कहा कि पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के प्रधानमंत्री के बीच गोलमेज बैठक होगी।प्रधानमंत्री अल-हकीम मस्जिद में लगभग आधा घंटा बिताएंगे। यह काहिरा में एक ऐतिहासिक और प्रमुख मस्जिद है, जिसका नाम 16वें फातिमिद खलीफा अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह (985-1021) के नाम पर रखा गया है। अल-हकीम बी-अम्र अल्लाह की मस्जिद काहिरा में दाऊदी बोहरा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल है।सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
अपने पहले मिस्र दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र के लिए लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हेलियोपोलिस वॉर ग्रेव कब्रिस्तान भी जाएंगे।यह यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि मिस्र पारंपरिक रूप से अफ्रीकी महाद्वीप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों में से एक रहा है। इजिप्टियन सेंट्रल एजेंसी फॉर पब्लिक मोबिलाइजेशन एंड स्टैटिस्टिक्स (CAPMAS) के अनुसार, भारत-मिस्र द्विपक्षीय व्यापार समझौता मार्च 1978 से लागू है और यह मोस्ट फेवर्ड नेशन क्लॉज पर आधारित है। अप्रैल 2022-दिसंबर 2022 की अवधि में भारत मिस्र का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।जानें कब-कब भारत के पीएम ने किया मिस्त्र का दौरा
राजीव गांधी ने 1985 में, पीवी नरसिम्हा राव ने 1995 में, आईके गुजराल ने 1997 में और मनमोहन सिंह ने 2009 में इस देश का दौरा किया। वहीं, मिस्र की ओर से राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने 1982 में, 1983 में (एनएएम शिखर सम्मेलन) और फिर 2008 में भारत का दौरा किया।