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Bangladesh: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसा जारी, छह लोगों की मौत, सैकड़ों लोग घायल

सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प में गुरुवार को कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। इस बीच सरकार ने बढ़ती हिंसा के मद्देनजर अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा को बंद करने का आदेश दिया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Thu, 18 Jul 2024 07:43 PM (IST)
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बांग्लादेश में छात्रों का आरक्षण के विरोध में शुरू आंदोलन उग्र हो गया है।

ढाका, रॉयटर्स। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का संघर्ष जारी है। छात्रों और पुलिस के बीच गुरुवार को भी हिंसक झड़पें हुईं। ढाका में लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों की सशस्त्र पुलिस बलों से भिड़ंत हो गई। झड़प में छह लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक छात्र भी शामिल था। इस दौरान सैकड़ों लोग घायल हुए। कई स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुरुवार को देशभर में बंदी की घोषणा की है। इस दौरान सिर्फ एम्बुलेंस सर्विस को ही सड़कों पर निकलने की छूट रहेगी।

बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

पुलिस ने चटगांव में एक राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शन को देखते हुए कार्यालय में उपस्थिति कम दिखी। सड़कों पर काफी कम बसें नजर आईं। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश भर में बार्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के चौथे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद यह सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन है।

प्रदर्शन के पीछे मुख्य कारण बढ़ती बेरोजगारी बताई जा रही है। कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करने को तैयार हैं। छात्र चाहते हैं कि राज्य उन लोगों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण बंद करे, जो 1971 में मुक्ति संग्राम से जुड़े हैं। इस बीच, भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए सलाह जारी की है। उन्होंने गैर-जरूरी यात्रा से बचने और अपने आवासों के बाहर आवाजाही को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कहा है।

छात्रों की मांगों को नहीं मान रही सरकार

उल्लेखनीय है कि शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हसीना ने अब तक प्रदर्शनकारियों की मांगों को अस्वीकार कर दिया है। कानून मंत्री ने कहा, "हम उनके साथ बैठकर बातचीत करने को तैयार हैं। जब भी वे चर्चा में बैठना चाहेंगे, हम उनसे बातचीत करेंगे।"

इससे पहले, पुलिस ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और अधिकारियों ने प्रदर्शनों को सीमित करने के लिए कुछ मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। पुलिस ने दक्षिणी बंदरगाह शहर चटगांव में एक प्रमुख राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले पत्थर फेंकने वाले छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।